Weekly News Roundup Dhanbad: पुराने एसएसपी तनाव में तो नए भी चिंतित, जानिए वजह
सावधानी हटी दुर्घटना घटी। पुलिस लाइन के भीतर कोरोना घुस गया है। बैरक में रहने वाले जवान कुछ दिन पहले बिहार के बक्सर गए थे। बाइक से वापस आए। नियमानुसार कोरोना की जांच करायी।
धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। धनबाद के निवर्तमान एसएसपी किशोर कौशल तनाव में है। उनके कार्यकाल में पश्चिम बंगाल के डीएसपी ने रास लीला के लिए ऐसा चक्रव्यूह बिछाया कि कई पुलिस अफसर उसमें उलझते चले गए। झरिया में हथियारों की फैक्टरी पकड़वाने वाले एसएसपी के मुखबिर का भी बंगाल के डीएसपी ने इस्तेमाल कर लिया। निर्दोष चिरंजीत घोष को जेल भेज दिया गया। सीआइडी जांच शुरू हो गयी। किशोर कौशल उलझन में हैं। वर्तमान एसएसपी अखिलेश बी वारियर को भी सुकून नहीं है। भाजपा राज में गिरिडीह एसपी थे तो माओवादियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। मोतीलाल बास्के की भी लाश गिर गयी थी। तब शिबू सोरेन एवं हेमंत सोरेन ने गिरिडीह जाकर कहा था कि निर्दोष ग्र्रामीण को मारा गया है। कहा गया था, गिरिडीह का बकौरिया कांड। अब हेमंत सोरेन सीएम हैं। मोतीलाल की मौत की भी जांच प्रगति पर है। सो, वारियर भी तनाव में हैं।
कोरोना को कामरेड का लाल सलाम
खूंखार माओवादी कमांडर विकास माझी। सरकार ने उसे जिंदा या मुर्दा पकड़वाने पर एक करोड़ का ईनाम रखा है। जंगल और पहाड़ों से घिरे टुंडी के मनियाडीह में उसका गांव है। कोरोना के कारण लॉकडाउन नहीं था तो सीआरपीएफ के जवान कंधे पर हथियार लटकाए गश्ती करते रहते थे। सीआरपीएफ के जवानों ने भी गांवों में मुखबिर बना लिए थे। सो, विकास माझी अपने गांव जाने की सोच भी न पाता था। कभी आया भी तो इतने दबे पांव कि किसी को खबर नहीं। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए पिछले कुछ महीने से सीआरपीएफ की गश्ती नहीं के बराबर है। माओवादी को मिल गयी सूचना। अनलॉक वन शुरू हुआ तो बेधड़क गांव आया, दर्जनों कैडरों के साथ। पेड़ के छांव तले लोगों से मुलाकात की। अपनी खेती का हिसाब लिया। बेखौफ निकल भी गया। कोरोना को कामरेड का लाल सलाम।
पुलिस लाइन में घुस गया कोरोना
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। पुलिस लाइन के भीतर कोरोना घुस गया है। बैरक में रहने वाले जवान कुछ दिन पहले बिहार के बक्सर गए थे। बाइक से वापस आए। नियमानुसार कोरोना की जांच करायी। जांच रिपोर्ट आने तक न्यायालय हाजत में घूम आए और पुलिस लाइन में विश्राम भी किया। जांच में उनके भीतर वायरस पाया गया तो पुलिस लाइन से लेकर न्यायालय तक हर वो आदमी तनाव में आ गया जो उनके संपर्क में आया था। कुछ बंदी भी। तत्काल पुलिस लाइन के 90 पुलिस वालों की जांच करायी गयी। और एक जवान संक्रमित निकल गया। न्यायालय हाजत तक बंदी, मुवक्किल से लेकर वकील बाबू भी जाते रहे हैं। हाजत ड्यूटी करने वाले न्यायालय के भीतर ठेला, खोंमचे से लेकर चाय वालों के पास भी रह रह कर चक्कर लगाते हैं। अब न्यायालय परिसर के लोग तनाव में है। अब उनकी बारी है।
कृपया गश्ती का अनुरोध न करें
आधी रात में किसी थाना में फोन कीजिए। अनुरोध कीजिए कि गश्ती गाड़ी भेज दें। अधिकतर थानों से जवाब मिल रहा है, 'कृपया गश्ती का अनुरोध न करे। तेल की दिक्कत है।' दरअसल, हरेक थाने में पुलिस की गाड़ी में डीजल एवं पेट्रोल लेने के लिए पेट्रोल पंप तय है। थाना की एक गाड़ी को रोजाना औसतन 6 लीटर तेल मिलता है। माह में अधिकतम 175 लीटर। कोरोना संकट के साथ सरकार से आवंटन का भी संकट हो चुका है। कोषागार से राशि की निकासी में भी झंझट। पेट्रोल पंप संचालकों का पुलिस विभाग पर इतना बकाया हो चुका है कि वे हाथ खड़ा कर चुके हैं। पुलिस कप्तान ने इतना कस दिया है कि थानेदारों के लिए दो नंबर की कमाई भी मुश्किल हो चुकी है वरना यहां किसे तेल की परवाह थी। सो, तेल के लिए थानेदार आरजू मिन्नत कर रहे हैं।