Fog Safe Device से लैस हुई धनबाद रेल मंडल की ट्रेनें, कोहरे में सुरक्षित और समय पर होगा रेल गाड़ियों का परिचालन
Fog Safe Device फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित उपकरण है। इससे लोको पायलट यानी रेल चालक को आगे आनेवाले सिग्नल की चेतावनी पहले ही मिल जाती है। सिग्नल की दूरी के अनुसार चालक ट्रेन की गति नियंत्रित कर सकता है। इस उपकरण को ट्रेन के इंजन में लगाया जाता है।
धनबाद, जेएनएन। Fog Safe Device सर्दी बढ़ने के साथ ही ट्रेनों की लेटलतीफी शुरू हो गई है। कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार कम हो चुकी है। घने कोहरे के दौरान पेट्रोलमैन से रेलवे ट्रैक की निगरानी कराई जा रही है। इसके साथ ही रेल इंजनों को फॉग सेफ डिवाइस से भी लैस कर दिया गया है। जीपीएस आधारित उपकरण के लग जाने से अब इंजन के अंदर ही चालक को सिग्नल की सारी खबर मिलती रहती है। ट्रैक में क्रैक होने, रेल फाटक या रेलवे स्टेशन के नजदीक होने की जानकारी भी इस उपकरण से आसानी से मिल जाती है। झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और यूपी में फैले धनबाद रेल मंडल को 429 उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। यहां से चलने वाली सभी यात्री ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस लगा दिए गए हैं। इस उपकरण के लग जाने से कोहरे के दौरान भी रेल यात्रा पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गई है
क्या है फॉग सेफ डिवाइस
फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित उपकरण है। इससे लोको पायलट यानी रेल चालक को आगे आनेवाले सिग्नल की चेतावनी पहले ही मिल जाती है। सिग्नल की दूरी के अनुसार चालक ट्रेन की गति नियंत्रित कर सकता है। इस उपकरण को ट्रेन के इंजन में लगाया जाता है। इससे चालक को सिग्नल के साथ साथ ट्रैक पर भी किसी तरह के गतिरोध होने पर इसकी खबर पहले ही मिल जाती है। इतनी ऑडियो वीडियो सिस्टम भी लगा है जो चालक को ट्रेन खुलते ही अगले स्टेशन के बारे बता देता है। इसमें एक स्टेशन दूसरे स्टेशन की दूरी डिस्प्ले भी होता है रेलवे फाटक होने या स्टेशन आने की जानकारी भी चालक को ट्रेन में ही मिल जाती है सिग्नल नजदीक आने पर इसमें लगे लाइट के जलने-बुझने से भी चालक को सिग्नल की सूचना मिल जाती है।