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धनबाद में जलापूर्ति व्यवस्था सुगम बनाने को बन रहा पंचवर्षीय एक्शन प्लान, डीसी खुद करेंगे निगरानी Dhanbad News

धनबाद में शहरी व ग्रामीण इलाकों में निर्बाध जलापूर्ति शुरू करने के लिए जिला प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। इसे लेकर अगले पांच वर्षों की कार्य योजना का एक एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। ताकि जलापूर्ति की समस्या को दूर किया जा सके। डीसी खुद इसकी निगरानी करेंगे।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 05:25 PM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 05:25 PM (IST)
धनबाद में जलापूर्ति व्यवस्था सुगम बनाने को बन रहा पंचवर्षीय एक्शन प्लान, डीसी खुद करेंगे निगरानी Dhanbad News
धनबाद के उपायुक्त उमा शंकर सिंह। (फाइल फोटो)

धनबाद, जेएनएन। धनबाद में शहरी व ग्रामीण इलाकों में निर्बाध जलापूर्ति शुरू करने के लिए जिला प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। इसे लेकर अगले पांच वर्षों की कार्य योजना का एक एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। ताकि जलापूर्ति की समस्या को दूर किया जा सके। डीसी खुद इसकी निगरानी करेंगे।

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अभी धनबाद में जलापूर्ति की ये है व्यवस्था: ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को हैंडपंप इंटेक वेल आदि के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाती है। जबकि जिले के शहरी क्षेत्रों में मुख्यता तीन विभाग जैसे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झामाडा व नगर निगम के द्वारा आपूर्ति की सुनिश्चित की जाती है। प्रशासन ने समीक्षा के क्रम में यह पाया कि उपरोक्त तीनों विभाग में समन्वय की कमी के कारण कई मौकों पर जलापूर्ति बाधित हुई है। जिसे अंतर विभागीय समन्वय एवं छोटे तकनीकी सुधारों से ही दूर किया जा सकता है। जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि पेयजल आपूर्ति के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में निम्न प्रकार से एक समन्वय समिति का गठन किया जाता है।

उपायुक्त होंगे समन्यक समिति के अध्यक्ष: धनबाद के उपायुक्त इस समन्यक समिति के अध्यक्ष होंगे। साथ ही इसके सदस्य सचिव- डीडीसी, सदस्य एडीएम विधि व्यवस्था, नगर आयुक्त, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल संख्या एक व दो, प्रबंध निदेशक झमाडा होंगे।

समिति का यह होगा काम : समन्वय समिति समय-समय पर पेयजल आपूर्ति की योजनाओं की प्रगति एवं समस्याओं की समीक्षा नियमित रूप से करेगी। सभी सम्मानित पदाधिकारियों के सुधारात्मक उपाय के लिए आवश्यक निर्देश देगी। जिला स्तरीय समन्वय समिति का यह दायित्व होगा कि जलापूर्ति से संबंधित समस्याओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए निरंतर प्रभावशाली प्रणाली विकसित करने के लिए अगले पांच वर्षों के कार्य योजना एक्शन प्लान बनाकर उसे अविलंब लागू करने का प्रयास करेगी।

पांच वर्ष की कार्य योजना समिति : अगले पांच वर्षों की कार्य योजना बनाने के लिए एक तकनीकी समन्वय समिति का गठन किया गया है। इसमें एडीएम विधि व्यवस्था, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल संख्या एक व दो, इंद्रेश शुक्ला तकनीकी सदस्य झामादा, अनूप कुमार सामंत कार्यपालक अभियंता जलापूर्ति धनबाद नगर निगम, शुभम सिंघल आईटी मैनेजर डीएमएफटी धन्यवाद, डीसी होंगें।

समिति को ये है निर्देश : तकनीकी समिति को निर्देश दिया गया है कि अगले 15 दिनों में निम्न बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए 15 नवंबर तक अगले पांच वर्षों की कार्य योजना बनाकर जिला समन्वय समिति के समक्ष उपस्थित करें।

इन 8 बिंदुओं पर बनेगी कार्य योजना : 

  1.  धनबाद जिले में अगले 5 वर्षों में जिले की डेमोग्राफिक स्टेटस विशेषकर जनसंख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाएगी।
  2. पूरे जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में निमित्त एवं निर्माणाधीन छोटी एवं बनी ग्रामीण एवं शहरी जलापूर्ति योजनाओं की पंचायत वार एवं वार्ड वार जीआईएस मैपिंग करते हुए यह रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कितनी जनसंख्या आज की तिथि में इससे आच्छादित है एवं कितनी जनसंख्या छुट्टी हुई है। छुट्टी हुई जनसंख्या को अच्छादित करने के लिए क्या कार्य योजना प्रभावित हो सकती है।
  3. मैपिंग करने के दौरान जिले में अब तक निर्मित सभी प्रकार की पेयजल आपूर्ति योजनाओं की वर्तमान में कार्यशील स्थिति क्या है जो आज की तिथि में कार्यशील नहीं है उसे किस प्रकार से कार्यशील बनाया जा सकता है।
  4. निर्माणाधीन योजनाओं को समय पर पूरा करने एवं उसके ऑपरेशन मेंटेनेंस की क्या कार्यवाही की जा सकती है।
  5. वर्तमान में कार्यरत जलापूर्ति योजनाओं के ऑपरेशन मेंटेनेंस की प्रभावी कार्य योजना क्या होनी चाहिए। अगले 5 वर्षों के लिए इसमें कितनी राशि सन्निहित होगी। विभागीय प्रावधान के अतिरिक्त अन्य किन मदों से इसके खर्च का वहन किया जा सकता है।
  6. जलापूर्ति योजनाओं में अवैध कनेक्शन को रोकने की क्या प्रभावी योजना होनी चाहिए। अन्य यूजर्स को कैसे प्रभावित तरीके से जोड़ा जाए एवं टैक्स कलेक्शन कैसे सुनिश्चित किया जा सके।
  7. क्या आईसीटी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए जलापूर्ति योजना में फंक्शनिंग ऑपरेशन और मेंटेनेंस को रीयलटाइम मॉनिटर किया जा सकता है।
  8. अन्यान्य जो तकनीकी समिति उचित समझे।

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