पंचेत डैम में 50 व 30 एमएम साइज जाल से ही मछली पकड़ेंगे मछुआरे
संवाद सहयोगी कालूबथान कलियासोल प्रखंड कार्यालय के समक्ष झामुमो की अगुवाई में पंचेत डैम म
संवाद सहयोगी, कालूबथान : कलियासोल प्रखंड कार्यालय के समक्ष झामुमो की अगुवाई में पंचेत डैम मत्स्य जीवी संग्राम समिति के बैनर तले सूट जाल से मछली पकड़ने वाले मछुआरों का आठ दिन से चला आ रहा अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार को समाप्त हो गया। काफी हंगामा के बाद जिला मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने सूट जाल से मछली पकड़ने वाले मछुआरे के पक्ष में फैसला दिया। कोचाल व मच्छरदानी जाल से मछली नहीं मारने का आदेश जारी किया गया। अब पंचेत डैम में 50 व 30 एमएम साइज की जाल से ही मछली पकड़ा जा सकेगा। 15 जून से तीन महीना तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा। इससे पहले गुरुवार दोपहर को कलियासोल बीडीओ कार्यालय में पांच सदस्य प्रतिनिधिमंडल झामुमो नेता अशोक मंडल, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष ठाकुर मांझी, सचिव दुलाल चक्रवर्ती सहित मछुआरों के साथ एक घंटे तक वार्ता चली। निर्णय लिया गया कि झारखंड व बंगाल राज्य के पदाधिकारियों से बैठक कर जबतक आदेश प्राप्त नहीं होता है तब तक कोचाल जाल से दामोदर नदी में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने बीडीओ कार्यालय से बहार निकलकर जैसे ही धरनार्थियों को फैसला सुनाया वैसे वो आक्रोश में आ गए। जिला मत्स्य पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ सहित अन्य स्थानीय पदाधिकारियों के खिलाफ नारा लगाते हुए प्रखंड कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने लगे। धरना पर बैठे मछुआरों का कहना था कि पांच से दस प्रतिशत लोग व 90 प्रतिशत मछुआरों की रोजी रोटी पर लात मार रहे हैं। मछुआरों के उग्र रूप को देखते हुए बीडीओ ललित प्रसाद सिंह, सीओ दिवाकर दुबे व कालूबथान ओपी प्रभारी प्रदीप राणा ने समझाने का प्रयास किया। जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बीडीओ को पत्र जारी करते हुए कहा कि पंचेत डैम में मछलियों के शिकार के लिए उपयोग में लाए जा रहे जाल पर उत्पन्न विवाद के आलोक में उच्च अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त करने की कार्रवाई की जा रही है। पंचेत डैम में मछली मारने के लिए सरकार का स्पष्ट दिशा निर्देश आने तक डैम के बीच में 50 एमएम और किनारे 30 एमएम साइज का जाल उपयोग में लाने को कहा गया है। डैम में मछलियों के प्रजनन के समय 15 जून से 15 सितंबर तक सभी जालों से मछली पकड़ना बंद रहेगा।