Weekly News Roundup Dhanbad: पीना हराम नहीं, पीकर बहकना... पढ़ें वर्दी बनाम वर्दी की टक्कर की कहानी
कोयलांचल की सियासत भी अजीबोगरीब है। काला हीरा के लिए सालों से वर्तमान और पूर्व विधायक टकरा रहे हैं। कहने के लिए दोनों नेताओं की पार्टी रंगदारों के खिलाफ है। उन लोगों की बातें सुनिए तो लोकतांत्रिक मूल्यों के कसीदे सुनने को मिलेंगे।
धनबाद [ आशीष झा ]। नववर्ष की खुशियां मनाने थल सेना का जवान परिवार के साथ टुंडी की ओर से गुजर रहा था। वाहन जांच चल रही थी। फौजी ने थोड़ी चढ़ा भी ली थी। सो अकड़ गए। चेकिंग करनेवाले भी कहां दबनेवाले थे। आखिर वो भी तो वर्दीवाले ही थे। बस फिर क्या था, जुबानी जंग तेज होने लगी। पुलिस ने अपने साहब को जानकारी दी तो आदेश हुआ उठाकर ले आओ। इधर जवान में भी गर्मी कम नहीं थी। बुलेट उड़ाते हुए मनियाडीह निकल गए। वहां तक पीछा करते पुलिस पहुंच गई। खूब गुत्थमगुत्थी के बाद आखिरकार जवान पकड़ में आया। उन्हें एसएनएमएमसीएच लाया गया, शराब के नशे में होने की जांच कराने। वहां डॉक्टर साहब का इंतजार होने लगा। बस मौका पाकर जवान खिसक गया। हां, उसकी बुलेट जरूर पुलिस ने जब्त कर ली। फौजी छुड़ाने तक नहीं गया। वर्दी बनाम वर्दी का क्लाइमेक्स अभी बाकी है।
अपना नंबर आएगा...
कोरोना का टीका लगाने की तैयारी पूरी हो गई है। जिला प्रशासन ड्राइ रन कर अपनी क्षमता की जांच कर चुका है। मकर संक्रांति के बाद शुभ काल आएगा तो टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। तय है कि पहले स्वास्थ्यकॢमयों को टीका लगेगा। उनके बाद किसका नंबर आएगा, इस पर संशय है। सब प्रशासन का मुंह ताक रहे हैं। वैसे, प्रशासन भी फिलहाल शासन की तरफ नजर टिकाए हुए हैं। सरकारी सेवक आश्वस्त है कि कभी न कभी उन्हें टीका जरुर लगेगा। ऐसे भी अनेक लोग हैं जो जुगाड़ में यकीन करते हैं। ऐसे लोग इसी जुगाड़ में है कि सरकारी लिस्ट में ही नाम आ जाए ताकि जेब ढीली नहीं करनी पड़े। आखिर कुछ लोगों को मुफ्त में टीका लगने की घोषणा हो चुकी है तो उसी में अपना काम बनाना कौन नहीं चाहेगा। प्राइवेट से लगना शुरू होगा तो इसके लिए राशि अदा करनी पड़ेगी।
यहां तो उल्टी गंगा बह रही
कोयलांचल की सियासत भी अजीबोगरीब है। काला हीरा के लिए सालों से वर्तमान और पूर्व विधायक टकरा रहे हैं। कहने के लिए दोनों नेताओं की पार्टी रंगदारों के खिलाफ है। उन लोगों की बातें सुनिए तो लोकतांत्रिक मूल्यों के कसीदे सुनने को मिलेंगे। हालांकि, उनकी बातें आम जनता को कतई नहीं पच रही है। जनता लंबे समय से दोनों नेताओं को देख रही है। इसलिए दोनों की बयानबाजी का सिर्फ मजा ले रही है। लोग कहने लगे हैं कि हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊं बोल रही है। सदन में हम लोग भेजते रहे हैं और हमीं को बेवकूफ समझ रहे हैं। जिनकी रंगदारी की चर्चा पूरे राज्य में हो, कई केस चल रहे हों, उनकी इजाजत के बिना किसी का डीओ न लग पाए, वो दूसरों को रंगबाजी छोडऩे की सीख दे रहे हैं। दोनों नेताओं की राजनीति का राज अलग है, नीति अलग।
इ पनिया जान माइर देतौ
कोयलांचल में पानी की समस्या तो आम रही है लेकिन भीषण ठंड में भी पानी के लिए लोगों को भटकना पड़े तो गुस्सा होना वाजिब है। झरिया में महीनों से पानी की समस्या है। एग्यारकुंड में भी कभी मोटर जलने तो कभी किसी और कारण से लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। गलफरबाड़ी में पानी के लिए परेशान एक आदमी ने तो यहां तक कह दिया कि इ पनिया जान माइर देतौ। पानी नाय पीबो ते प्यास से मरबौ... ठंड में पानी ले जैबो ते ठंड से मैर जेबो। कोनो सरकार, कोनो प्रशासन काम नाय ऐतो। इनका दर्द तो आम जनता ही समझ सकती है जो झरिया में पानी के महीनों से मारामारी कर रहे हैं। जो कहीं नहीं निकल सकते, वो खरीदकर पानी पी रहे हैं। पानी के लिए आधी रात में महिलाओं को पानी-पानी होते देखना है तो झरिया जरुर आइए।