धनबाद स्टेशन भी बन रहा ईको स्मार्ट, यात्री करेंगे कुछ हटकर अहसास
स्टशेन के सभी प्लेटफॉर्म पर गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग 78 डस्टबिन लगाए गए हैं। दोनों के निस्तारण की भी व्यवस्था की गई है।
धनबाद, तापस बनर्जी। धनबाद रेलवे स्टेशन पर कैटरिंग स्टॉल चलाने वाले होशियार। अगर आप प्लास्टिक का कप या कैरी बैग इस्तेमाल करते पकड़े गए तो आप कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। क्योंकि रेलवे ने स्टेशन परिसर में इस पर रोक लगा दिया है। कैटरिंग संचालकों के लिए निर्देश भी जारी कर दिया गया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देशभर के 37 रेलवे स्टेशनों को ईको स्मार्ट स्टेशन के तौर पर विकसित करने का निर्देश दिया है। इनमें धनबाद भी शामिल हैं। इसके लिए नोडल ऑफिसर सीनियर डीएमई कैरेज एंड वैगन को बनाया गया है। एनजीटी के निर्देश पर धनबाद को ईको स्मार्ट स्टेशन का रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मॉनीटरिंग के लिए अलग-अलग विभागों के टास्क फोर्स बनाए गए हैं।
प्लेटफॉर्म पर लगाए गए 78 डस्टबिनः स्टशेन के सभी प्लेटफॉर्म पर गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग 78 डस्टबिन लगाए गए हैं। दोनों के निस्तारण की भी व्यवस्था की गई है।
खुले में शौच करने वालों पर होगी कार्रवाईः स्टेशन परिसर में खुले में शौच की रोकथाम के लिए कमेटी बनी है। इसके साथ ही शौचालय व दिव्यांग शौचालय की व्यवस्था भी की गई है।
सौर ऊर्जा से रोशन होगा धनबाद स्टेशनः स्टेशन की छत पर लगेगा 53336 किलोवाट का पावर ग्रिड
धनबाद : एनजीटी ने ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत तलाशने संबंधी निर्देश भी जारी किए हैं। इसके तहत धनबाद स्टेशन की छत पर सोलर पैनल लगाया जाएगा जो 53336 किलोवाट का पावर ग्रिड से जुड़ा होगा। अज्योर पावर को सोलर पैनल इंस्टॉल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोलर पैनल लगने से स्टेशन सौर ऊर्जा से रोशन होगा।
इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल से सर्टिफिकेट लेने की प्रक्रिया शुरूः रेल मंडल ने धनबाद रेलवे स्टेशन के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल से सर्टिफिकेट लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए एक सर्वे होगा और उसी आधार पर काउंसिल की ओर से सर्टिफिकेट जारी होगा।