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एक मासूम से मां की ममता छीनी, दूसरे से पिता का प्यार

गोविंदपुर, जेएनएन। शहर के डीआरएम मोड़ पर मंगलवार रात हुई सडक दुर्घटना में बेरहम हाइव

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 11:32 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 06:11 PM (IST)
एक मासूम से मां की ममता छीनी, दूसरे से पिता का प्यार
एक मासूम से मां की ममता छीनी, दूसरे से पिता का प्यार

गोविंदपुर, जेएनएन। शहर के डीआरएम मोड़ पर मंगलवार रात हुई सडक दुर्घटना में बेरहम हाइवा ने एक साथ तीन घरों की खुशियां छीन ली। डॉ. एसएस साहा के परिवार में उनके दो पुत्र डॉ. अभिनव गौरव एवं छोटे पुत्र शुभम गम में डूबे हैं। उनकी माता माया प्रसाद की हालत चिंताजनक बनी हुई है। डॉ अभिनव का शादी फरवरी मे होना तय था। उनकी सगाई नवम्बर में होने वाली थी । इसी की तैयारी चल रही थी । वही उनकी पुत्री डॉ. अभिलाषा गर्भवती थी। इसी सिलसिले मे वे अपने मायके आई हुई थी। हाइवा ने उनके परिवार को भी बिखेर कर रख दिया। इधर मंगलवार देर रात धनबाद शहर के डीआरएम मोड़ के समीप हुई सड़कदुर्घटना मे मृत डॉ. श्याम सुन्दर साहा, उनकी पुत्री डॉ. अभिलाषा गौरव और चालक साजिद अंसारी के शव का पोस्टमार्टम कराकर बुधवार को परिजनों को सौप दिया गया। इधर हादसे में मृत चालक साजिद की मिट्टी मंजिल गाव भीतर के कब्रिस्तान में किया गया। इसमें बड़ी संख्या मे लोग शामिल हुए। चिकित्सक और उनकी पुत्री का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा। फिलहाल दोनों शवों को पीएमसीएच के ही एनाटॉमी विभाग के डीप फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया है। इस ह्रदय विदारक घटना से पूरे गोविंदपुर क्षेत्र में मातम पसरा है। घटना की जानकारी पाकर बुधवार को बड़ी संख्या में चिकित्सक, समाजसेवी एवं आम लोग डॉ. साहा के आवास माया लोग पहुंचे एवं संवेदना जताई। डॉ. साहा के बड़े पुत्र डॉ. अभिनव गौरव ओड़िसा में एमडी कर रहे हैं। घटना की सूचना पाकर वे धनबाद पहुचे और फिर मां एवं भाजे की चिकित्सा कराने दुर्गापुर चले गए। डॉ. साहा का छोटा पुत्र सुभम गौरव आइआइटीएन हैं और बंगलुरू में कार्यरत है भी कोलकाता के रास्ते हेल्थ व‌र्ल्ड अस्पताल दुर्गापुर पहुंचे। वहीं डॉ. साहा के भाई निरंजन प्रसाद साह अपनी पत्‍‌नी के साथ चिरैया( बाका ) से गोविंदपुर पहुचे। डॉ. साहा के बहनोई परदेशी साव, बहन सरला देवी एंव भांजा पिंटू साह व स्वेता सुरभी आदि भी मसानजोर दुमका से उनके आवास पहुंचे। परिजनों के चित्कार से माहौल गमगीन है। पीएमसीएच से लेकर पोस्टमार्मटम हाउस एवं उनके आवास तक लोगो का तांता लगा रहा। एक साथ तीन लोगो की मौत एंव दो के गम्भीर रुप से घायल होने की खबर ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। डॉ. अभिलाषा गौरव गर्भवती थीं। उनका विवाह समस्तीपुर में डॉ. निशात के साथ हुआ था। डॉ. निशात कुमार समस्तीपुर में पदास्थापित हैं। जब कि डॉ. अभिलाषा रिम्स में कार्यरत थीं। बेहतर सेवा के लिए कई बार हो चुके थे सम्मानित: डॉ. साहा परिवार के साथ शाम साढे़ सात बजे घर से निकले थे। लौटने के दौरान यह हादसा हुआ। सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के दामाद थे डॉ साहा। वे मूलत बिहार के बाका जिला के अमरपुर थाना अंतर्गत चिरैया गाव के रहने वाले थे। उन्होंने दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और रिम्स राची से एमडी किया था। बिहार सरकार में नौकरी के दौरान 1994 में उनकी गोविंदपुर सरकारी अस्पताल में पोस्टिंग हुई थी। इसके बाद वे यहीं के होकर रह गए। 1994 में ही उन्हें तात्कालिन स्वास्थ्य मंत्री सुशीला नायर ने गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया था। वर्ष 2002 में राज्यपाल भीष्मनारायण सिंह एंव दिल्ली सरकार के मंत्री हारुण युसूफ ने उन्हें विजय रत्‍‌न एवार्ड से सम्मानित किया था। वे आइएमए के आजीवन सदस्य के साथ साथ एपीआइ, आइएसइ समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए थे। डॉ. साहा के पिता का नाम डोमन साह था। वे छह भाई एंव तीन बहन थे। शकर प्रसाद साह, निरंजन प्रसाद साह, रामरतन साह, विपिन साह, एंव राजेश साह उनके भाई हैं।

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शोक संवेदनाओं का लगा तांता: उनके निधन पर डॉ. अनिल कुमार, डॉ. मनोज कविराज, डॉ. यूएल विश्वकर्मा, डॉ शीला कुमारी, डॉ. एच रहमान, एजाज अहमद, जहीर अंसारी, गब्बर अंसारी, युनूस अंसारी, मोइन अंसारी, ओम प्रकाश बजाज, अब्दुल मन्नान, सरताज हुसैन, जय प्रकाश मिश्रा,आरसी मिश्रा, मंथन दसौंधी, केडीएन अजाद, एसएन लाल त्यागी आदि ने शोक व्यक्त किया है।

डेढ़ वर्ष की बच्ची से छीन गया पिता का साया : चालक साजिद अंसारी की उम्र महज 27 वर्ष थी। वह गायडहरा निवासी अख्तर अंसारी का पुत्र था। वह अपने परिवार का एक मात्र कमाऊ सदस्य था। उसे डेढ़ साल की एक पुत्री है सनाया परवीन। मां हलीमन बीबी एवं पत्‍‌नी अफजाना परवीन का रो-रो कर बुरा हाल है। वह लंबे समय से डॉ. साहा की गाडी चला रहा था। उसकी मिट्टी मंजिल में पूरा गायडहरा गाव उमड़ पड़ा। दो वर्ष पूर्व ही उसकी सादी हुई थी। 24 वर्षो से डॉ. साहा गोविंदपुर मे दे रहे थे सेवा: डॉ. एसएस साहा काफी मिलनसार थे। मरोजों की सेवा के अलावा लोगो से उनका व्यवहार भी काफी लोकप्रिय था। वे 1994 से प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र गोविंदपुर में सेवा देने के साथ निजी क्लीनिक भी चला रहे थे। बाद में उन्होंने जमीन खरीद कर मायालोक क्लीनिक का निर्माण कराया। उनके निधन से उनके जानने वालो में मातम का माहौल है।


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