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Jharkhand News: इस फर्जी आइएफएस अधिकारी की ठसक कम नहीं, जिलाधिकारी को हड़काने के बाद भी जेल नहीं

कोलकाता निवासी रंजीत कुमार ने उपायुक्त को फोन कर आइएफएस(इंडियन फोरन सर्विस) और यूनाइटेड नेशन का सीनियर विकास अधिकारी होने की बात कही थी। उसके पास से यूनाईटेड नेशन का आई कार्ड सहित अन्य दस्तावेज भी मिले हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 10:48 AM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 10:48 AM (IST)
Jharkhand News: इस फर्जी आइएफएस अधिकारी की ठसक कम नहीं, जिलाधिकारी को हड़काने के बाद भी जेल नहीं
कोलकता का फर्जी आइएएस अधिकारी रंजीत कुमार और देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ( फोटो जागरण)।

देवघर, जेएनएन। ठगों की हिम्मत की दाद देनी होगी। वह जब आपवाली करते हैं तो किसी से भी उन्हें डर नहीं रहता है। अब कोलकाता निवासी फर्जी भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रंजीत कुमार को ही लीजिए। वह देवघर के एक होटल में धुनी रमाने के बाद सरकारी आवभगत के लिए उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को ही झांसा देने लगा। इस दाैरान हेकड़ी भी दिखाया। हालांकि ठग विद्या को उपायुक्त ने भांप लिया और उसे गिरफ्तार करवा दिया। बाद में पुलिस ने पीआर बांड पर फर्जी आइएफएस अधिकारी को छोड़ दिया।

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खुद को बताया यूनाइटेड नेशन का सीनियर विकास अधिकारी

कोलकाता निवासी रंजीत कुमार ने उपायुक्त को फोन कर आइएफएस(इंडियन फोरन सर्विस) और यूनाइटेड नेशन का सीनियर विकास अधिकारी होने की बात कही थी। उसके पास से यूनाईटेड नेशन का आई कार्ड, सहित अन्य दस्तावेज भी मिले हैैं। रंजीत गुरुवार को देवघर पहुंचा था। जहां वह एक होटल में ठहरा था। उसने देवघर उपायुक्त को फोन कर खुद को आइएफएस अधिकारी होने का परिचय दिया। उसकी बातों से उपायुक्त को शक हुआ। उन्होंने तुरंत मोबाइल नंबर की जांच कराई। इस दौरान नगर थाने के पदाधिकारी को संबंधित व्यक्ति का पता लगाकर हिरासत में लेने का निर्देश दिया। जिसके बाद मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उसे होटल धनराज रेसिडेंसी से हिरासत लेते हुए थाने पहुंची।

उपायुक्त ने थाने में पहुंचकर की पूछताछ

रंजीत की गिरफ्तारी की सूचना के बाद उपायुक्त खुद नगर थाने पहुंचे। यहां उन्होंने उक्त व्यक्ति से पूछताछ की। इस दौरान उसने बताया कि वीआइपी सुविधा हासिल करने के लिए झूठ का सहारा लेकर उसने आइएफएस अधिकारी बनकर धौंस जमाने की कोशिश कर रहा था। शुक्रवार को उपायुक्त के निर्देश पर उसे थाने से पीआर बांंड पर छोड़ दिया गया। हालांकि, उपायुक्त ने नगर पुलिस को उस व्यक्ति के आपराधिक इतिहास को खंगालने का निर्देश दिया है। मामले को लेकर उपायुक्त ने लोगों से अपील किया कि वह सावधान रहे। ठगने के लिए फोन, इंटरनेट व अन्य माध्यमों से हर दिन नया नया तरीका का ईजाद किया जा रहा है। इसलिए वर्तमान समय में जागरूकता, सावधानी और सजगता बेहद जरूरी है।


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