इधर छड़ी का स्विच ऑन, उधर अपराधी हो जाएंगे बेहोश
एचई स्कूल के मैदान में जिलास्तरीय इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। आइएसएम के डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. शालिवाहन ने बच्चों को प्रोजेक्ट किया।
जागरण संवाददाता, धनबाद: विज्ञान को विषय के तौर पर न लें, बल्कि इससे प्यार करें। जितने भी बड़े वैज्ञानिक हुए हैं, वो सभी रेगुलर छात्र नहीं थे, बल्कि ड्रॉपआउट रहे हैं। गूगल गुरु से बचें, इस पर विश्वास न करें। कॉपी-पेस्ट की जगह अपनी मौलिकता को पेश करेंगे, तो कहीं बेहतर नतीजे निकलेंगे। ये बातें आइआइटी आइएसएम के डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. शालिवाहन ने सोमवार को एचई स्कूल के मैदान में आयोजित जिलास्तरीय इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम विज्ञान प्रदर्शनी में बाल वैज्ञानिकों से कहीं।
उन्होंने कहा कि कॉपी करने से आपको फायदा तो नहीं मिलेगा, हां आपकी मौलिक चीजें जरूर खत्म होती जाएंगी। इनोवेशन पर ध्यान दें, कुछ नया करने का हमेशा प्रयास करते रहें। उदाहरण देकर बताया कि सेफ्टीपिन की जब खोज हुई थी, उस समय यह बड़ी खोज रही होगी। आज के परिवेश में देखें तो सेल्फी स्टिक, ड्रोन कैमरा नए इनोवेशन के नमूने हैं। जो भी चाहेंगे जरूर पाएंगे, बस सच्ची लगन होनी चाहिए। यहां ढेरों बाल वैज्ञानिक दिख रहे हैं, 30 साल पहले स्कूल के दिन याद आ गए। हमारे समय में ऐसे मंच नहीं मिलते थे, आपको मिला है तो इसे सार्थक करें।
सिम्फर के पूर्व वैज्ञानिक केके शर्मा ने कहा कि साइंस एक ऑब्जर्वेशन है, इसे समझने की जरूरत है। उन्होंने न्यूटन का उदाहरण दिया। डीईओ डॉ. माधुरी कुमारी ने कहा कि छात्रों के अंदर छिपी प्रतिभा को उभारने के लिए यह मंच प्रदान किया गया है। उम्मीद है कि छात्र बेहतर करेंगे और मौलिक मॉडल पेश करेंगे। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन व मंगलाचरण से हुआ। यहां धनबाद, बोकारो और जामताड़ा के 208 मॉडल पेश किए गए। आइएसएम के रिसर्च स्कॉलर छात्र निर्णायक की भूमिका में रहे। तीनों जिलों से चयनित 19 मॉडल 13 को राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में शामिल होंगे।
अपराधियों से बचाएगी इलेक्ट्रिक स्टिक: मॉडर्न हाईस्कूल गोमिया की छात्रा निशा कुमारी ने अपराधियों को सबक सिखाने की नीयत से एक इलेक्ट्रिक स्टिक का मॉडल पेश किया। यह महिलाओं के आत्मरक्षार्थ एक अस्त्र के तौर पर काम करेगा। निशा ने बताया कि यह एक उच्च विभवांतर तथा कम विद्युत धारा प्रवाहित करने वाला यंत्र है। खतरे का आभास होते हुए इसका स्विच ऑन करने पर सामने वाला 5-10 मिनट तक बेहोश जाएगा। छड़ी में नौ वोल्ट की बैट्री, एक उच्च विभवांतर इन्वर्टर, एक ट्रांसफार्मर तथा एक किट है।
जाम की समस्या से निजात दिलाएगा फ्लाइओवर: उत्क्रमित हाई स्कूल झिनाकी टुंडी के छात्र राहुल रे ने धनबाद में जाम की समस्या को देखते हुए फ्लाईओवर का मॉडल पेश किया। राहुल ने पूजा टॉकीज से लेकर, बैंक मोड़, मटकुरिया में फ्लाइओवर बनाने का विकल्प दिया।
आपका मूड बताएगा यह डिटेक्टर: प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय मिहिजाम जामताड़ा की अमीशा परवीन ने लोगों की मनोदशा जानने के लिए मूड डिटेक्टर बनाया। यह डिटेक्टर बताएगा कि सामने वाला क्रोधित होने वाला है, खुश है, उत्तेजित है या उदास। यह यंत्र मनुष्य की दिल की धड़कन और सांस लेने की क्रिया पर कार्य करता है।
इन मॉडल को भी मिली सराहना
- उत्क्रमित उच्च विद्यालय शिबूटांड़ चास बोकारो की छात्रा लखी कुमारी का कॉर्नकॉब जलशोधक यंत्र।
- गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल चास के छात्र आनंदी कुमार झा का वाहन सेंसर।
- मानव मंडल आरके प्लस टू हाईस्कूल नाला जामताड़ा के छात्र का पवन चक्की मॉडल।
- डीएवी प्लस टू स्कूल पुराना बाजार के छात्र मो. तनवीर का बिल्डिंग फॉर्मिग मॉडल।
- उत्क्रमित मध्य विद्यालय निछानी कतरास के छात्र का डक फॉर्मिग मॉडल।
- केसी बालिका उच्च विद्यालय की छात्रा अंकिता सिंह का मल्टीपर्पस चूल्हा।
- केंद्रीय विद्यालय-1 बोकारो स्टील सिटी के छात्र आशीष रंजन का अर्थक्वैक प्रूफ बेड।
विज्ञान प्रदर्शनी का परिणाम
- धनबाद : शुभम कुमार (बायोगैस डिजास्टर प्लांट), सना परवीन (चारकोल फ्रॉम लीव्स), सचिन कुमार यादव (मिथेन गैस का उत्पादन), अंकिता सिंह (मल्टीपर्पज चूल्हा), देवदीप बनर्जी (नॉन कांटेक्ट वोल्टेज डिटेक्टर), मोहन कुमार केसरी (स्टीम पॉवर प्लांट), रोहित कुमार साव (बिजली उत्पादन) एवं शुभम कुमार झा (ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट)।
- बोकारो : आकाश कुमार नायक (एलपीजी लीकेज सेंसर अलार्म), नेहा कुमारी (एयर प्यूरीफिकेशन), रितिक राज (फर्टिलाइजर सिस्टम) एवं आशीष रंजन (अर्थक्वैक प्रूफ बेड)।
- जामताड़ा : सौविक मंडल (प्यूरीफिकेशन ऑफ ड्रिंकिंग वाटर), मानव मंडल (मल्टीपर्पज एनर्जी), सुब्रतो कुमार दूबे (ट्रैक सेफ्टी अलार्म), मेघनाथ मंडल (रेन वाटर हार्वेस्टिंग), राजू सेन (डिजिटल हैलमेट), रिहान अंसारी (रेन वॉटर हार्वेस्टिंग) एवं रोहित चार (रेलवे दुर्घटना रोकने का अलार्म)।