लुटती रही रियासत, बेखबर रहे रखवाले
धनबाद रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जों का खेल डंके की चोट पर हुआ है। रांगाटांड़ के पास
धनबाद : रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जों का खेल डंके की चोट पर हुआ है। रांगाटांड़ के पास रेलवे कंस्ट्रक्शन कॉलोनी से पंपू तालाब तक 200 से अधिक झुग्गी झोपड़ी की बस्ती बन गई है। बावजूद इस अतिक्रमण पर रेलवे ने अपनी आंखें बंद रखीं। दूसरी ओर वासेपुर से भूली तक रेलवे की कीमती जमीन पर ऊंची इमारतें खड़ी हो गई। ये सब एक दिन में नहीं हुआ। फिर भी रेलवे ने इसे खाली करने या रोकने की जहमत नहीं उठाई। रेलवे लाइन के किनारे की जमीन पर कब्जे के मामले में सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवाल पर विभाग बता नहीं सका कि कितनी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। रेलवे की रियासत लुटती रही और रखवाले बेखबर रहे।
आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट की ओर से यह जानकारी दी गई कि जमीन कब्जा करने का मामला उनके विभाग से जुड़ा नहीं है। ऐसी शिकायत आती है तो सुरक्षा बल तैनात करते हैं। दूसरी ओर, इंजीनियरिग विभाग के वरीय सहायक अभियंता गोमो ने आरटीआइ के जवाब में कहा कि रेलवे की जमीन का सर्वे हो रहा है। अतिक्रमण वाला स्थान संवेदनशील है। इसलिए देर हो रही है। आरटीआइ पिछले साल नवंबर में डाली गई थी। तब सर्वे की बात कही गई बावजूद अब तक रेलवे ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं सूत्र कहते हैं कि सर्वे हुआ ही नहीं है तो कार्रवाई कैसे होगी।
न मापी न रिपोर्ट, कागजों पर बनती रहीं समाधान की योजनाएं धनबाद में रेलवे की कितनी जमीन का कहां कितना अतिक्रमण है, इससे महकमा बेखबर है। जब भी नए डीआरएम आए, कुछ जगहों को खाली कराया। फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। रेलवे बोर्ड स्तर पर जमीन को कब्जा मुक्त करने के आदेश हुए पर नतीजा सिफर ही रहा। न तो जमीन की मापी कराई गई और न कोई पुख्ता रिपोर्ट तैयार हुई। समाधान की योजनाएं भी कागजों पर ही बनती रहीं।
इंजीनियरिग विभाग के पास रहते हैं दस्तावेज : सीनियर कमांडेंट रेलवे की जमीन पर कब्जा कोई नई बात नहीं है। रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा जिनके कंधे पर हैं वही इस मामले को दूसरे विभाग के मत्थे मढ़ रहे हैं। आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट हेमंत कुमार कहते हैं कि जमीन से जुड़ा मामला इंजीनियरिग विभाग का है। सारे दस्तावेज बगैरह उसी विभाग के पास ही होते हैं। आरपीएफ का काम सिर्फ विधि व्यवस्था संभालना है। जब कभी डीआरएम के स्तर पर अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया जाता है तो आरपीएफ टीम मुस्तैद होकर संबंधित जमीन खाली कराती है।
कोट
रेलवे ट्रैक के आसपास के सभी अतिक्रमण को हर हाल में खाली कराया जाएगा। इसके लिए हर उपाय होगा। अनिल कुमार मिश्रा, डीआरएम, धनबाद