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हाल CMPF का: बिल्ली कर रही दूध की रखवाली, जिनके खिलाफ कार्रवाई, फिर उन्हीं को थमाया काम

सीएमपीएफ इन दिनों चर्चा में है।मुख्यालय तक इसकी चर्चा है जबकि सीवीसी का स्पष्ट निर्देश है कि उन्हें संवेदनशील पदों से हटा कर दूसरा काम लेना है। ऐसे आधे दर्जन से अधिक अधिकारी हैं जो जांच और कार्रवाई के दायरे में हैं।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 10:29 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 10:29 AM (IST)
हाल CMPF का: बिल्ली कर रही दूध की रखवाली, जिनके खिलाफ कार्रवाई, फिर उन्हीं को थमाया काम
धनबाद स्थित कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) का कार्यालय।

जागरण संवाददाता, धनबाद: कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफ) इन दिनों चर्चा में है। खुलेआम यहां सीवीसी की गाइडलाइन को दरकिनार किया जा रहा है। हाल यह है कि खुद बिल्ली को दूध की रखवाली का जिम्मा सौंप दिया गया है।

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मौजूदा समय में कई कर्मचारियों व अधिकारियों के ऊपर विजिलेंस की गाज गिरने के बाद भी उन्हें संवेदनशील पदों से नहीं हटाया गया है। मुख्यालय तक इसकी चर्चा है, जबकि सीवीसी का स्पष्ट निर्देश है कि उन्हें संवेदनशील पदों से हटा कर दूसरा काम लेना है। ऐसे आधे दर्जन से अधिक अधिकारी हैं, जो जांच और कार्रवाई के दायरे में हैं। मालूम हो कि कोयला खान भविष्य निधि संगठन में लिपिक भर्ती 2017 में व्यापक गड़बड़ी हुई थी, जिसकी सीबीआई जांच भी चल रही है। इसके अलावा कैडर स्कीम, लैपटॉप खरीद का मामला है, जिसमें अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई विजिलेंस की जांच के बाद हुई है। इसके बावजूद उन्हें उसी पद पर रखकर काम लिया जा रहा है।

कैडर स्क्रीन के मामले में भी कोयला मंत्रालय द्वारा मांगी गई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इसमें किसी तरह की मॉनीटरी लाभ नहीं दिया गया, जबकि सभी का ग्रेड पे 76 सौ से बढ़ाकर 87 सौ तक बिना भारत सरकार की अनुमति के ही कर दिया गया। इसमें शामिल एक आरसी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। एक बार फिर इसकी शिकायत कोयला मंत्रालय से लेकर भारत सरकार को की गई है, ताकि इसकी जांच गंभीरता से हो सके। आठ अगस्त 2020 को पत्रांक संख्या सीपीएफ 929-930 के तहत कार्यालय आदेश जारी करते हुए कहा है कि वैसे अधिकारी व कर्मचारी जो मेजर पेनाल्टी चार्जशीट पा चुके हैं या किया गया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से संवेदनशील पद से हटा देना है। साथ ही वैसे लोगों को भी संवेदनशील पर नहीं रहना है, जिनके खिलाफ जांच चल रही है या आरोप सिद्ध हो गया है। उन्हें संवेदनशील पदों पर काम नहीं दिया जा सकता, लेकिन स्थिति यह है कि इस आदेश को नजरअंदाज कर काम लिया जा रह है।

यह अधिकारी एक साथ संभाल रहे कई पद

- एके सिन्हा: अपर आयुक्त सीएमपीएफ मुख्यालय के साथ-साथ रांची वन व सीपी सेक्शन के अतिरिक्त प्रभार में है।

- यूपी कमल: संयुक्त आयुक्त सीएमपीएफ, रीजनल टू का प्रभार।

- पीके चौधरी: क्षेत्रीय आयुक्त कोलकाता, देवघर व आसनसोल कार्यालय का अतिरिक्त प्रभार।

- एसके सिन्हा: क्षेत्रीय आयुक्त सिंगरौली कार्यालय में पदस्थापित हैं।

- रजत चौबे: एईओ क्षेत्रीय आयुक्त जबलपुर।

- प्रेम कुमार: कार्मिक विभाग मुख्यालय।

- कन्हैया नारायण देव: मुख्यालय सीपी सेक्शन।


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