अब हाथी मेरा साथी नहीं... आए दिन करते परेशान
पश्चिमी टुंडी गिरिडीह पीरटांड के रास्ते 18 हाथियों का झुंड एक पखवारे के भीतर दुबारा आ जाने से पहाड़ी तराई गांवों के लोगों में दहशत का माहौल है।
By Edited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 08:59 AM (IST)
टुंडी, जेएनएन। पश्चिमी टुंडी गिरिडीह पीरटांड के रास्ते 18 हाथियों का झुंड एक पखवारे के भीतर दुबारा आ जाने से पहाड़ी तराई गांवों के लोगों में दहशत का माहौल है। हालांकि इस बार हाथियों का झुंड पीरटांड के रास्ते टुंडी आने के क्रम में जालमाल का नुकसान नहीं पहुंचाया है। हाथियों का झुंड मंगलवार को टुंडी पहाड़ डोंगापानी गांव में विचरण करते देखा गया। वैसे हाथियों के झुंड के आने से टुंडी के तिलयबैड़ा, सालपहाड़, पर्वतपुर, गुवाकोला, बड़ानागपुर, छोटानागपुर, बिरंचीएआदि गांवों के लोग दहशत में जी रहे हैं।
टुंडी पहाड़ में हाथियों के झुंड आने की पुष्टि टुंडी वनक्षेत्र पदाधिकारी शशिभूषण प्रसाद गुप्ता ने की है। साथ ही उन्होंने बताया कि झुंड पर निगाह रखने के लिए 11 सदस्यीय प्रशिक्षित मशालचियों को तैनात किया गया है। इसके अलावे ग्रामीण वन समितियों के माध्यम से लोगों को तत्काल महुआ शराब का निर्माण नहीं करने हिदायत दी गई है। महुआ शराब की महक पर झुंड अक्सर गांव की ओर रुख कर जाते हैं। हाथियों के आ जाने से क्षेत्र के लोग रात रात भर जाग कर जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर है।
टुंडी पहाड़ में हाथियों के झुंड आने की पुष्टि टुंडी वनक्षेत्र पदाधिकारी शशिभूषण प्रसाद गुप्ता ने की है। साथ ही उन्होंने बताया कि झुंड पर निगाह रखने के लिए 11 सदस्यीय प्रशिक्षित मशालचियों को तैनात किया गया है। इसके अलावे ग्रामीण वन समितियों के माध्यम से लोगों को तत्काल महुआ शराब का निर्माण नहीं करने हिदायत दी गई है। महुआ शराब की महक पर झुंड अक्सर गांव की ओर रुख कर जाते हैं। हाथियों के आ जाने से क्षेत्र के लोग रात रात भर जाग कर जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर है।
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