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जल, जंगल और जमीन पर अधिकार के लिए ग्रामीण पहुंचे DC के द्वार, अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान Dhanbad News

भूमि पर अधिकार और जन सरोकारों को लेकर निकाली गई पदयात्रा में शामिल आंदोलनकारी जल जमीन और जंगल पर अधिकार की मांग कर रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 04:18 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 04:18 PM (IST)
जल, जंगल और जमीन पर अधिकार के लिए ग्रामीण पहुंचे DC के द्वार, अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान Dhanbad News
जल, जंगल और जमीन पर अधिकार के लिए ग्रामीण पहुंचे DC के द्वार, अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। जल, जंगल और जमीन पर अधिकार की मांग को लेकर एकता परिषद धनबाद की तीन दिवसीय पदयात्रा सोमवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर समाप्त हो गई। 9 नवंबर को तोपचांची से पदयात्रा शुरू हुई थी। 34 किलो मीटर की दूरी तय कर पदयात्रा में शामिल करीब तीन साै ग्रामीण सोमवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। आंदोलनकारी जिस समय उपायुक्त कार्यालय पहुंचे उस समय उपायुक्त अमित कुमार कार्यालय से निकल रहे थे। उन्होंने आंदोलनकारियों से बात नहीं की। दूसरे अधिकारियों ने भी ध्यान नहीं दिया।

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भूमि के अधिकारों और जन सरोकारों को लेकर निकाली गई पदयात्रा में शामिल आंदोलनकारी जल, जमीन और जंगल पर अधिकार की मांग कर रहे हैं। पदयात्रा कर सोमवार को तीन सौ ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचे। रणधीर वर्मा चौक होते हुए ग्रामीणों का झुंड जब डीसी ऑफिस के गेट में प्रवेश कर रहा तो डीसी अमित कुमार ऑफिस से निकल रहे थे। प्रदर्शनकारियों को गेट पर ही सुरक्षा बलों ने रोक दिया। इन गेट बंद कर दिया गया। इसके बाद आउट गेट के सामने ही ग्रामीण बैठ गए और नारा लगाने लगे। एक अधिकारी की लगजरी कार गेट में ही फंस गई।

एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक सरयू प्रसाद के नेतृत्व में पांच प्रतिनिधियों ने उपायुक्त कार्यालय के पार पत्र शाखा में 17 सूत्री मांग पत्र रिसीव कराया। मांग पत्र राज्यपाल के नाम प्रेषित था। सरयू प्रसाद ने कहा कि अधिकारी और नेता कोई आदिवासियों की नहीं सुनता। डीसी सर देख के भी नहीं रुके। उन्होंने कहा कि कोई मजिस्ट्रेट या अधिकारी भी बात सुनने के लिए प्रतिनियुक्त नहीं किया। जबकि 10 दिन पूर्व ही पदयात्रा की अनुमति ली गई थी। ऐसे में झारखंड में ही आदिवासी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। आदिवासियों का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है। तीन माह में उनकी मांग नहीं सुनी गई तो वे आमरण अनशन करेंगे। प्रदर्शनकारियों में बच्चे भी शामिल थे।


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