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Hand Pump Scam : अब सेवानिवृत हेडमास्टरों का पता खोज रहा विभाग, शिक्षक संघ ने लापरवाही का लगाया आरोप Dhanbad News

Chapalkal scam चापाकल घोटाले मामले की जांच दो माह से स्पष्टीकरण व उसकी स्क्रूटिनी के ईद-गिर्द ही घूम रहा है। डेडलाइन पार होने के बाद भी हेडमास्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 02:18 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 02:18 PM (IST)
Hand Pump Scam : अब सेवानिवृत हेडमास्टरों का पता खोज रहा विभाग, शिक्षक संघ ने लापरवाही का लगाया आरोप Dhanbad News
Hand Pump Scam : अब सेवानिवृत हेडमास्टरों का पता खोज रहा विभाग, शिक्षक संघ ने लापरवाही का लगाया आरोप Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। Chapalkal Scam सरकारी स्कूलों में हुए चापाकल घोटाले में जिला परियोजना कार्यालय दो महीना में अब तक सिर्फ हेडमास्टरों को स्पष्टीकरण का पत्र भेजने व स्पष्टीकरण की स्क्रूटिनी के ईद-गिर्द ही घूम रहा है। आठ मई को राज्य मुख्यालय ने पत्र जारी कर दोषी शिक्षकों को चिंहित कर 30 मई तक मुकदमा करने समेत अन्य कार्रवाई करने का आदेश दिया था। डेडलाइन पार होने के बाद भी अब कार्रवाई नहीं की गई। मुख्यालय के पत्र के आलोक में स्थानीय स्तर पर 149 हेडमास्टरों को शोकॉज किया गया। इनमें 33 हेडमास्टर सेवािनवृत हो गए।

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अब संबंधित विभाग के अधिकारी उन सेवानिवृत प्रधानाध्यापकों के गांव का पता खोज रहे हैं ताकि उन्हें उस पते पर पत्र भेजकर उनका पक्ष जाना जा सके। बताते चले कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में 155 स्कूलों में चापाकल बोरिंग में अनियमित्ता का मामला सामने आया था। मामले की जांच के बाद खुलासा हुआ कि निर्धारित फीट बोरिंग नहीं होने के बाद भी ठेकेदार को 60 हजार रूपये का भुगतान कर दिया गया। छह साल बाद राज्य मुख्यालय ने इस मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है। इस पूरे मामले में तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक को निलंबित किया गया है।

सहायक अभियंता विनय कुमार का कहना है कि हमलोगों ने डीएसई कार्यालय से रिटायर 33 प्रधानाध्यापकों का पता मांगा है। 12 जिन हेडमास्टरों ने शोकॉज का जवाब नहीं दिया था उन लोगों ने भी स्पष्टीकरण जमा कर दिया है। अब पता मिलने के बाद 33 हेडमास्टरों को पत्र भेजेंगे।

वहीं मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्रभूषण सिंह ने कहा कि जल्द ही एडीपीओ तथा एई को बुलाकर मामले की समीक्षा करेंगे। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नीलकंठ मंडल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर इस पूरे मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। यदि इसे गंभीरता से लिया जाएगा तो शायद किसी भी तरह की कार्रवाई करने में कोई परेशानी नहीं होगी। विभाग के पास सारा संसाधन मौजूद है।


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