विभागीय जिम्मेवारियों के बोझ तले दबते जा रहे शिक्षक, पढ़ाई-लिखाई हो रही प्रभावित
अब प्राथमिक शिक्षा में पढ़ाई की जगह पंजी को रखना रह गया है। एक स्कूल में आरटीई के तहत शिक्षकों की कमी है दूसरा विभाग नए प्रयोग कर रहा है
धनबाद, आशीष सिंह। सर्वशिक्षा अभियान का करोड़ों का बजट, निश्शुल्क किताबें-पोशाक और दोपहर का भोजन भी। बच्चों को शिक्षित करने के लिए भारी-भरकम तनख्वाह पर बहाल शिक्षक। इनका तो एक ही काम होना चाहिए, बच्चों को पढ़ाना। हालांकि ऐसा कम ही हो रहा है। विभागीय जिम्मेवारियों के बोझ तले शिक्षक दबे जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ शिक्षकों को 40 तरह की पंजी भी रोजाना अपडेट करनी है। नतीजतन, बच्चों को न तो सही तरीके से शिक्षा मिल पा रही है और न ही विभागीय काम ही पूरा हो रहा है। शिक्षकों की कमी की वजह से स्कूलों में जो बचे हुए शिक्षक हैं, वो अपना पूरा समय पंजी रखने में ही लगा देते हैं। काम के बोझ तले शिक्षक दबे जा रहे हैं, इसकी वजह से शिक्षकों में कई बीमारियां घर कर गईं हैं। ऐसा शिक्षक खुद बोल रहे हैं। इसका खामियाजा प्राथमिक स्कूलों में पढऩे वाले दो लाख 30 हजार छात्रों को उठाना पड़ रहा है।
शिक्षकों को हर दिन इन पंजियों को करना है अपडेटः शिशु पंजी, बाल पंजी, नामांकन, छात्र उपस्थिति, छात्र प्रयास, छात्र प्रोफाइल, बाल संसद बैठक, एलटीएफ, एलटीएफ प्लस, सीसीई (तीनों स्तर में), एनीमिया वितरण, पुस्तक वितरण, पोशाक वितरण, छात्रवृत्ति, साइकिल वितरण, मुख्यमंत्री लाडली योजना, ज्ञानसेतु से संबंधित छात्र उपस्थिति, ज्ञानसेतु से संबंधित समूहीकरण, ज्ञानसेतु से संबंधित पाठयोजना, विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक, एसएमसी चेक इशू, एसएमसी कैशबुक, एसएमसी अभिश्रव, एमडीएम दैनिक व्यय, एमडीएम रोकड़ बही, एमडीएम चखना, एमडीएम स्टॉक, माता समिति की बैठक, एमडीएम एसएमएस, पूरक पोषाहार, दैनिक दाल संधारण, रसोइया सह संयोजिका की उपस्थिति, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, विद्यालय स्टॉक, खाद्य सुरक्षा अधिनियम से संबंधी मुआवजा, भ्रमण, निरीक्षण, अनुश्रवण, आदेश बही पंजी।
अब प्राथमिक शिक्षा में पढ़ाई की जगह पंजी को रखना रह गया है। एक स्कूल में आरटीई के तहत शिक्षकों की कमी है, दूसरा विभाग नए प्रयोग कर रहा है। प्रतिदिन अनेक प्रकार के प्रतिवेदन को अपडेट करने की जिम्मेवारी एवं चालीस प्रकार की पंजियों को रखने की जिम्मेवारी शिक्षकों पर होती है। कई बार विद्यालयों में कार्यालय की पूर्ण सुविधा बहाल करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन विभाग की इसमें दिलचस्पी नहीं है।
- नंद किशोर सिंह, महासचिव अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ
पंजी रखने का निर्देश विभागीय स्तर से दिया गया है। इसमें जिला स्तर से कुछ भी नहीं कर सकते। शिक्षक संघ की बात जरूर उच्चाधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं। दिक्कत तो है ही, देखते हैं क्या किया जा सकता है।
- विनीत कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक