कोडरमा-रांची रेल प्रोजेक्ट को गति देने में जुटे ईसीआर जीएम, इस बार बजट में 35 करोड़ का प्रावधान
रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने कोडरमा से बरकाकाना व रांची के बीच बन रही नई रेल लाइन परियोजना की भी प्रगति देखी। चरही और कुजू स्टेशनों के बीच दुधी नदी के पर बने रेल ब्रिज का निरीक्षण किया।
जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड की राजधानी रांची को हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग के कोडरमा से जोड़ने वाली रेलवे की अत्यंत महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करना बड़ी चुनौती है। पहाड़ों, नदियों और घने जंगलों से घिरे इस रेल मार्ग पर नई लाइन बिछाने के साथ ही सुरंग भी बन रही है जिससे होकर यात्री ट्रेनें और मालगाड़ियां गुजरेंगी। इससे न सिर्फ नया वैकल्पिक रेल मार्ग तैयार हो गा बल्कि रांची से नई दिल्ली की दूरी कम होगी। 189 किमी लंबे रेल मार्ग के लिए इस बार के बजट में 35 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। प्रोजेक्ट में अब तक हुई प्रगति से रूबरू होने पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक अनुपम शर्मा बुधवार को पहुंचे। उनके साथ धनबाद डीआरएम आशीष बंसल, सीनियर डीसीएम अखिलेश पांडेय समेत अफसरों का पूरा अमला भी है।
रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने कोडरमा से बरकाकाना व रांची के बीच बन रही नई रेल लाइन परियोजना की भी प्रगति देखी। चरही और कुजू स्टेशनों के बीच दुधी नदी के पर बने रेल ब्रिज का निरीक्षण किया। इस दौरान संबंधित अधिकारियों से परियोजना में आ रही तकनीकी बाधाओं की जानकारी ली। संबंधित विभागों को आपस समन्वय स्थापित कर बाधा दूर करने की बात कही। आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये।
दूसरी ओर, सोननगर के गोमो तक प्रस्तावित पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के दौरान होनेवाले बदलाव और यूटिलिटी शिफ्टिंग की भी जानकारी ली। नक्शे का अवलोकन किया। अधिकारियों ने बताया कि फ्रेट कारिडोर के निर्माण के दौरान कोडरमा स्टेशन के कुछ हिस्से को तोड़ कर हटाया जाएगा। स्टेशन से सटे आसपास के भवन भी इसकी जद में आएंगे। जीएम ने कहा कि यूटिलिटी शिफ्टिंग की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। फ्रेट कारिडोर के अधिकारियों से नियमित संपर्क बनाकर काम को गति देने की बात कही। जंक्शन पर यात्री सुविधाओं का जायजा लिया। सुधार से संबंधित दिशा-निर्देश भी दिये।