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Jharkhand, Singhbhum Earthquake Today: धनबाद से 187 किमी दूर जगन्नाथपुर में भूकंप, 10 किमी नीचे डोली धरती; जानमाल का नुकसान नहीं

Jharkhand Singhbhum Earthquake Today झारखंड में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। झारखंड के सिंहभूम जिले में 4.1 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। संताल परगना में भी हल्के कंपन महसूस किए गए। जबकि असम के तेजपुर में रिक्टर पैमाने पर 3.8 की तीव्रता का भूकंप आया।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 03:56 PM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 05:20 PM (IST)
Jharkhand, Singhbhum Earthquake Today: धनबाद से 187 किमी दूर जगन्नाथपुर में भूकंप, 10 किमी नीचे डोली धरती; जानमाल का नुकसान नहीं
झारखंड और असम में भूकंप के झटके ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। Jharkhand, Singhbhum Earthquake Today झारखंड और असम में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। झारखंड के सिंहभूम जिले में 4.1 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। झारखंड के संताल परगना में भी झटके महसूस किए गए। जबकि असम के तेजपुर में रिक्टर पैमाने पर 3.8 की तीव्रता का भूकंप आया। तेजपुर में दो बजकर 40 मिनट और सिंहभूम में दो बजकर 22 मिनट पर धरती कांपी। यह जानकारी नेशनल सेंटर फोर सिसमोलाजी ने ट्वीट कर दी है। भूकंप की सूचना मिलने के बाद लोग एक-दूसरे से जानने की कोशिश कर रहे हैं।

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जानमाल की हानि की सूचना नहीं

झारखंड के कई जिलो में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि कहीं से भी किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। संताल परगना के दुमका में भी कुछ लोगों का कहना है कि हल्के कंपन महसूस किए गए। 

धनबाद से 187 किमी दूर पश्चिमी सिंहभूम में भूकंप, 10 किमी नीचे डोली धरती

रविवार को झारखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए। पश्चिमी सिंहभूम के जगन्नाथपुर के पास दोपहर 2:22 पर भूकंप आया जिसकी तीव्रता 4.1 रिक्टर थी। भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर नीचे था। मौसम केंद्र रांची के विज्ञानी अभिषेक आनंद के अनुसार भूकंप का केंद्र धनबाद से 187 किलोमीटर दूर है। गिरिडीह से केंद्र की दूरी 223 किलोमीटर मापी गई है। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से 220 किलोमीटर, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 221 किलोमीटर और संबलपुर से 193 किलोमीटर दूरी पर भूकंप का केंद्र था। कम तीव्रता के कारण इससे जान-माल की क्षति नहीं हुई है।

धनबाद में एक से दो रिक्टर का लगा झटका

दूसरी ओर , धनबाद के भूगर्भशास्त्री डा. एसपी यादव का कहना है कि झारखंड में आमतौर पर 4 रिक्टर तीव्रता वाले भूकंप ही आते हैं। पश्चिमी सिंहभूम में भूकंप का कारण भूकंप पट्टी में हलचल जैसी कोई घटना नहीं है बल्कि स्थानीय स्तर पर जमीन के नीचे की दरारों (फॉल्ट) में हलचल होने की वजह से भूकंप की संभावना बनी है। भूकंप के केंद्र वाले आसपास के हिस्से के लोगों को ही हल्का झटका महसूस हुआ होगा। धनबाद से काफी दूर होने की वजह से यहां एक से दो रिक्टर तीव्रता वाला झटका ही लगा होगा। इस वजह से यहां ऐसे महसूस नहीं किया गया।

क्या आता है भूकंप

पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है। ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है। कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है। भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम।  इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है।  इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है।

प्राकृतिक आपदा के बारे में कुछ पता नहीं होता

भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा के बारे में पहले से कुछ पता नहीं होता। ऐसी प्राकृतिक आपदा के वक्त एकदम समझ नहीं आता कि क्या किया जाए। हम आपको बता रहे हैं वे आम तरीके जिससे आप किसी भूकंप के वक्त खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। 

भूकंप आने पर क्या करें?

  • अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। 
  • घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें।
  • भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
  • अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
  • घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें।
  • अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढंके।
  • मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके।
  • अगर आपके पास कुछ उपाय ना हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।

भूकंप आने पर क्या ना करें

  • भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
  • अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें।
  • किसी पुल या फ्लाइओवर पर गाड़ी खड़ी ना करें।
  • भूकंप के समय अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें।
  • अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं।
  • इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है।
  • भूकंप आने पर घर में हैं तो चलें नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं। घर के किसी कोने में चले जाएं।
  • कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
  • भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल से बचें। कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें। लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं।
  • भूकंप में अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं।
  • आपके आप-पास जो चीज़ मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं।
  • भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।

भूकंप की स्थिति के लिए पहले से तैयारी कैसे करें?

  • आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट की चीज हो।
  • घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें।
  • अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें जिसमें हर व्यक्ति के कामकाज या जिम्मेदारी का जिक्र हो।

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