डीवीसी का मैथन फिश फॉर्म मछुआरों को स्वावलंबन बनाने के लिए कर रहा प्रेरित Dhanbad News
डीवीसी का मैथन मैथन फिश फॉर्म स्थानीय मछुआरों को मत्स्य पालन से स्वावलंबी बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। मछुआरों को मछली पकड़ने का प्रशिक्षण व मछली जारी उपलब्ध कराकर मत्स्य पालन के लिए प्रेरित करने में लगा है।
मैथन, जेएनएन : डीवीसी का मैथन मैथन फिश फॉर्म स्थानीय मछुआरों को मत्स्य पालन से स्वावलंबी बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। मछुआरों को मछली पकड़ने का प्रशिक्षण व मछली जारी उपलब्ध कराकर मत्स्य पालन के लिए प्रेरित करने में लगा है। डीवीसी अब तक सैकड़ों मछुआरों के बीच लाखों का मछली जीरा उपलब्ध करा चुका है। मैथन फिश फाॅर्म मैथन क्षेत्र के मछुआरों को मछली पालन, मछली पकड़ने का प्रशिक्षण, मछली का रखरखाव व प्रबंधन का गुर सिखाने के लिए साल में दो बार प्रशिक्षण भी देता है ताकि मछुआरे स्वावलंबी बन सकें। मैथन फिश फॉर्म इन्हीं उद्देश्यों को लेकर पिछले कई वर्षों से लगातार खुद मछलियों की ब्रीडिंग कराता आ रहा है। मछलियों से उत्पन्न जीरा स्थानीय मछुआरों के बीच नि:शुल्क वितरण किया जाता रहा है। यही नहीं मत्स्य विभाग फिश फॉर्म में रखी गई मछलियों काे मैथन डैम सहित अन्य डैमो में छोड़ता है ताकि बड़े होने पर इसका उपयोग स्थानीय मछुआरे कर सके। मैथन डैम के फिश फॉर्म में वर्तमान में करीब छह से सात लाख फिंगर्लिंग्स मछली तैयार हो चुकी हैं जिसे जल्द ही मैथन डैम में छोड़ा जाएगा ।
फिश फाॅर्म में रेहू, कतला समेत मृगल मछलियों का होता पालन व प्रबंधन
फिश फाॅर्म में रेहू, कतला, मृगल सहित विभिन्न प्रकार की मछलियों का पालन व प्रबंधन होता है। साथ ही वैसी मछलियों का भी पालन होता है जो कम समय में ज्यादा से ज्यादा बड़ी हो जाएं ताकि मत्स्य पलकों को ज्यादा लाभ हो सके। मछली मारने के लिए चट जाल का प्रयोग ना करने का भी निर्देश दिया जाता है।