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शादी का मौसम आते ही झर‍िया बन जाता है कचरों का अंबार, निगम की और से नही है सफाई की कोई ठोस व्यवस्था

बैंड बाजा बारात का मौसम आते ही झरिया शहर कचरों का अंबार बन जाता है। जहां देखों वही कचरा ही कचरा आसानी से देखा जाता है। इसकी सफाई की कोई ठोस व्यवस्था नगर निगम के पास ही नही है।

By Atul SinghEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 05:14 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 05:14 PM (IST)
शादी का मौसम आते ही झर‍िया बन जाता है कचरों का अंबार,  निगम की और से नही है सफाई की कोई ठोस व्यवस्था
बैंड बाजा बारात का मौसम आते ही झरिया शहर कचरों का अंबार बन जाता है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

सुमित राज अरोड़ा, झरिया : बैंड बाजा बारात का मौसम आते ही झरिया शहर कचरों का अंबार बन जाता है। जहां देखों वही कचरा ही कचरा आसानी से देखा जाता है। इसकी सफाई की कोई ठोस व्यवस्था नगर निगम के पास ही नही है। इनकी लापरवाही का खामियाजा आसपास के लोग व राहगीरों को उठाना पढ़ा है। धर्मशाला में काम कर रहे कर्मी भी शादी के दौरान हुए कचरों को यू ही सड़क के किनारे फेक कर चलते बन जाते है। जिससे शहर की नालियां भी जाम हो जाती है। एसा ही नजारा इन दिनों झरिया के विभिन्न इलाकों में देखने को मिलता है। दरअसल झरिया में एक दर्जन से भी अधिक धर्मशाला है। जहां शादियों की शहनाई बजती रहती है। इस शादी समारोह में हो रहे कचरों को धर्मशाला के कर्मी व अन्य सभी कचरों को अपने धर्मशाला के समीप कचरा कुडादान में फेक देते है। जिससे लावारिस जानवर खाने की तलाश में वहां पहुंच कर उक्त कचरों को सड़क व नालियों में फेक देते है। जिससे शहर तो गंदा होता ही है। वही नालियां भी जाम हो जाती है। यदि निगम धर्मशाला के अधिकारी को सफाई के लिए हिदायत दे तो शायद शहर में कचरों का अंबार कम हो सकता है। मगर ना ही नगर निगम इसपर ठोस कदम उठाती है और ना ही धर्मशाला के अधिकारी इसके रोकथाम के लिए कोई पहल करते है। जिसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पढ़ता है।

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शहनाई ने वाहनों की रफ्तार को किया कम

शादी समारोह का मौसम चल रहा है। जहां देखो वही शहनाई की धुन सुनाई देती है। वही इन शहनाई ने झरिया के वाहनों की रफ्तार को कम कर दी है। जिससे घंटों जाम की समस्या बनी रहती है। यू तो झरिया शहर अतिक्रमण से वर्षों से परेशान है वही बारात ने वाहनों को घंटों जाम में फंसा देती है। झरिया शहर के अधिकांश धर्मशाला में वाहनों के ठहराव का कोई व्यवस्था नही है। जिस वजह से शादी समारोह में आए मेहमान अपने वाहनों को सड़क के किनारे खड़ी कर चले जाते है। इससे बाजार के समय सड़क काफी सक्रिय हो जाती है। जिससे घंटों लोगों को जाम का सामना करना पढ़ता है। वही इस समस्या का निदान क्षेत्रीय प्रशासन भी इन जाम की समस्या को हटाने में असफल साबित है। यदि धर्मशाला में वाहनों के ठहराव की व्यवस्था बन जाए तो राहगीरों व आम लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सकेगा।


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