शिबू सोरेन पर वंशवाद की राजनीति के आरोप से बिफरे झामुमो नेता, कहा- बाबूलाल बताएं अलग राज्य में भाजपा का क्या योगदान
झामुमो महासचिव विजय कुमार सिंह ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर सीधा प्रहार किया। कहा कि झारखंड आंदोलन के अग्रदूत जननेता शिबू सोरेन पर वंशवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाने से पहले यह बताना चाहिए कि झारखंड राज्य निर्माण के आंदोलन में भाजपा का क्या योगदान है।
दुमका, जेएनएन। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह (Vijay Kumar Singh) ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (former CM Babulal Marandi) पर सीधा प्रहार किया। कहा कि झारखंड आंदोलन के अग्रदूत जननेता शिबू सोरेन पर वंशवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाने से पहले यह बताना चाहिए कि झारखंड राज्य निर्माण के आंदोलन में भाजपा का क्या योगदान है। जेएमएम नेता ने कहा कि बाबूलाल को यह बताना चाहिए कि भाजपा के कितने कार्यकर्ता जेल गए और कुर्बानी दी है।
विजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितकरण आयोग से आंदोलनकारियों के रूप में चिह्नित लोगों की सूची में शायद ही कोई भाजपा या आरएसएस के किसी कार्यकर्ता का नाम शामिल है। ऐसे में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी को झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के विरूद्ध आरोप लगाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। झारखंड राज्य आंदोलन में उनके स्वयं और उनकी पार्टी की क्या भूमिका रही है बाबूलाल को यह जनता को बताना चाहिए। यह सही है कि झारखंड अलग राज्य निर्माण की मांग को लेकर लंबे अर्से से आंदोलन चलता रहा, लेकिन सही नेतृत्व के अभाव में झारखंड राज्य का सपना साकार नहीं सका।
उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन के मार्गदर्शन में चले आंदोलन के बल पर ही अलग राज्य का निर्माण का सपना साकार हुआ। इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता है। झारखंड अलग राज्य आंदोलन से राज्य के सभी वर्ग के लोगों को एकता के सूत्र में पिरोकर जन आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाना एक मिसाल है। बाबूलाल मरांडी हमला बोलते हुए झामुमो नेता ने कहा कि उनकी दोबारा भाजपा में पुर्नवापसी हुई है। इसलिए उन्हें झामुमो के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के विरूद्ध अनर्गल आरोप लगाने का नैतिक हक नहीं है।
झामुमो नेता ने कहा कि झारखंड अलग राज्य निर्माण के दो दशक के सफर में लगभग 15 वर्षों तक राज्य की जनता को गुमराह कर राज्य की सत्ता पर भाजपा ने कब्जा जमाए रखा। इस अवधि में राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवा, किसान, मजदूरों की क्या दुर्दशा हुई है। इससे राज्य की जनता समझ रही है और अपने को छला महसूस कर रही है। भाजपा की पिछली सरकार में राज्य में हाथी उड़ रहा है का ढिंढोरे जोर जोर से पीटा गया, लेकिन हाथी को उड़ते किसी ने नहीं देखा।
एक भी एमओयू जमीन पर नहीं उतरा: पूर्व की रघुवर सरकार पर निशाना साधते हुए विजय ने कहा कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने, नया उद्योग धंधे स्थापित करने के नाम पर सैकड़ों एमओयू किये गये, लेकिन एक भी एमओयू जमीन पर नहीं उतरा। राज्य में कोई नये उद्योग नहीं लगे और न ही किसी नौजवान को रोजगार नसीब हुआ। एक साजिश के तहत पूर्व की तरह उद्योग धंधे के नाम पर बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए जमीन हड़पने का कार्य खुलेआम चलता रहा। विकास के नाम पर जंगल उजाड़ने का सिलसिला चलता रहा। इसके एवज में नया जंगल लगाने के नाम पर वन घोटाले होते रहे। वंशवाद व परिवार वाद का आरोप लगाने वाली भाजपा जहां परिवारवाद, जातिवाद ही राजनीति में स्थापित होने का मुख्य आधार है।
जनता देगी जवाब : विजय ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। चुनाव लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करता है, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान किसी की भावना को आहत करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। बाबूलाल के द्वारा झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के खिलाफ अनर्गल बयान दिये जाने से आम लोग आहत हुए हैं। इसका जवाब उपचुनाव में उन्हें जनता देगी।