कभी चार महीने पहले भर जाती थीं सीटें, अब आधी खाली दौड़ रही ट्रेन Dhanbad News
हावड़ा मुंबई मेल भारतीय रेल की सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक ऐसी ट्रेन जिसका अतीत सुनहरा है। इतिहास कहता है कि यह वही ट्रेन है जो ब्रिटिश काल में विलायती अफसरों को मुंबई से कोलकाता लाती थी। फिरंगी लंदन से समुद्र के रास्ते मुंबई में उतरते थे
धनबाद, जेएनएन : हावड़ा मुंबई मेल भारतीय रेल की सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक ऐसी ट्रेन जिसका अतीत सुनहरा है। इतिहास कहता है कि यह वही ट्रेन है जो ब्रिटिश काल में विलायती अफसरों को मुंबई से कोलकाता लाती थी। फिरंगी लंदन से समुद्र के रास्ते मुंबई में उतरते थे और वहां से मुंबई मेल में सवार होकर कोलकाता पहुंच जाते थे। उस वक्त इस ट्रेन को इंपीरियल मेल कहा जाता था। हालांकि कुछ इतिहासकार यह भी कहते हैं कि इंपीरियल मेल पहले ही बंद हो चुकी थी और उसके काफी बाद मुंबई मेल चली थी। अब अतीत जो भी हो पर कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते खतरे ने वर्तमान में इस ट्रेन से यात्रियों की दूरी बढ़ा दी है। मुंबई मेल में टिकट बुकिंग के लिए मारामारी जैसी स्थिति रहती थी। चार महीने पहले भी इस ट्रेन में कंफर्म टिकट मिल पाना मुश्किल होता था। तत्काल टिकट के लिए लोग रात से ही रिज़र्वेशन काउंटर के बाहर इकठ्ठा हो जाते थे। अब परिस्थिति ने यू टर्न ले लिया है। खचाखच भर कर चलने वाली ट्रेन अब तकरीबन आधी खाली चल रही है। महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते खौफ के कारण यात्रियों ने मुंबई मेल में टिकट बुक कराना लगभग बंद कर दिया है। पहले से टिकट बुक करा चुके यात्री भी तेजी से टिकट रद करा रहे हैं।
इस ट्रेन में सिर्फ वैसे यात्री ही सफर कर रहे हैं जिन्हें मुंबई पहुंचना बहुत जरूरी है या मुंबई के आसपास के रहने वाले हैं। आंकड़े पर जाएं तो शनिवार को रात में चली हावड़ा मुंबई मेल में 545 सीटें खाली रह गई। रविवार की रात चली ट्रेन में 591 सीटें खाली रहीं।
गुजरे दो दिनों में किस श्रेणी में कितनी सीटें खाली
18 अप्रैल
सेकेंड सीटिंग - 4
स्लीपर - 311
थर्ड एसी - 198
सेकेंड एसी - 46
फर्स्ट एसी - 6
कुल - 565
19 अप्रैल
सेकेंड सीटिंग - 10
स्लीपर - 370
थर्ड एसी - 196
सेकेंड एसी - 47
फर्स्ट एसी - 8
कुल - 591