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आठ से चार लेन सड़क होने पर दोबारा बनाना पड़ेगा डीपीआर, विश्व बैंक की मंजूरी के बाद ही शुरू हो सकेगा निर्माण कार्य Dhanbad News

विश्व बैंक के सहयोग से गोल बिल्डिंग से कांको मठ तक बनने वाली 20 किलोमीटर की आठ लेन (अब चार लेन) सड़क अब जनता के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। इसपर हो रही राजनीति से अब इसके निर्माण में विलंब होना तय माना जा रहा है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 08:54 PM (IST)
आठ से चार लेन सड़क होने पर दोबारा बनाना पड़ेगा डीपीआर, विश्व बैंक की मंजूरी के बाद ही शुरू हो सकेगा निर्माण कार्य Dhanbad News
गोल बिल्डिंग से कांको मठ तक 20 किमी आठ लेन (अब चार लेन) सड़क।

धनबाद, जेएनएन। विश्व बैंक के सहयोग से गोल बिल्डिंग से कांको मठ तक बनने वाली 20 किलोमीटर की आठ लेन (अब चार लेन) सड़क अब जनता के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। इसपर हो रही राजनीति से अब इसके निर्माण में विलंब होना तय माना जा रहा है। उम्मीद जगी थी कि सड़क का काम दोबारा जल्द शुरू होगा, पर जैसे ही साफ हुआ कि इस सड़क से दोनों सर्विस लेन, साइकिल ट्रैक और फुट ओवरब्रिज हटाया जा रहा है तो लोग चिंता में डूब गए। दरअसल, निर्माण में कटौती होने से फिर से डीपीआर बनाना पड़ेगा और तकनीकी सहमति भी लेनी होगी। फिर संशोधित योजना स्वीकृति के लिए विश्व बैंक को प्रेषित की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में आठ से 10 माह का समय लग सकता है। ऐसे में अधूरी सड़क, बड़े-बड़े गड्ढे और बरसात की वजह से कीचड़ दुर्घटनाओं को आमंत्रण देती रहेगी।

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पहले इस सड़क की लागत 417 करोड़ थी। कटौती की गई तो बजट 337 करोड़ हो गया। इसके बाद राज्य सरकार ने कोविड-19 का हवाला देते हुए काम रोक दिया। जांच टीम गठित करते हुए सड़क की उपयोगिता की रिपोर्ट राज्य सरकार ने तलब की। नगर विकास विभाग ने डीसी की देखरेख में पांच सदस्यीय टीम बनाकर स्थल की जांच कराई। टीम ने सर्विस लेन, साइकिल ट्रैक और फुट ओवरब्रिज को अनुपयोगी बताते हुए कटौती करने की अनुशंसा कर दी। इससे 45 करोड़ 61 लाख 18 हजार 854 रुपये की बचत होगी। सड़क के लिए 220 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। इसमें से 60 करोड़ रुपये स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड यानी साज को दिया जा चुका है। 160 करोड़ रुपये अभी भी जिले में पड़ा है।

यह सड़क कभी भी आठ लेन नहीं थी। चार लेन की सड़क, इसके साथ दो सर्विस और दो साइकिल ट्रैक बताते हुए इसे आठ लेन के तौर पर प्रचारित किया गया। जांच में पाया गया था कि हीरक रोड पर भीड़ का दबाव कम है। डीपीआर के अनुसार साइकिल अधिक चलती है, पर यह गलत है। सर्विस लेन, साइकिल ट्रैक और फुट ओवरब्रिज हटने से कोई असर नहीं होने वाला है। धनबाद की जनता को इससे कोई नुकसान नहीं होगा। सर्विस लेन की जो खाली जगह बचेगी वहां स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए कुछ न कुछ योजना बनेगी। चार लेन सड़क बननी तय है। -सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त सह जांच कमेटी के अध्यक्ष।

सरकार से निर्देश मिलने के बाद स्थल की जांच की गई। सड़क जरूरी हैं और बनेगी भी, लेकिन कुछ चीजें हटने से इसकी सेहत पर असर नहीं पड़ेगा। रिपोर्ट विभाग को दे दी गई। सरकार ने रोक लगाई है। सर्विस लेन, साइकिल ट्रैक और फुट ओवरब्रिज हटाना न हटाना सरकार का फैसला है। -अजीत लुईस लकड़ा, मुख्य अभियंता सह जांच कमेटी के सदस्य, नगर निगम, धनबाद।

एक-एक सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस सड़क की योजना बनाई गई। सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा गया है। सर्वे और कई लोगों से मंतव्य के बाद ही साइकिल ट्रैक, फुट ओवरब्रिज और सर्विस लेन को शामिल किया गया। अचानक इसमें कटौती करने का निर्णय लिया जाना समझ से परे है। इन चीजों को खत्म करने से सड़क की छवि को धक्का पहुंचेगा। अगले 20 वर्षों को ध्यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है। -चंद्रशेखर अग्रवाल, पूर्व मेयर, धनबाद।


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