आवारा आतंक से थरथरा रहा इस आइआइटी का जर्रा-जर्रा
धनबाद : आइआइटी-आइएसएम धनबाद का कैंपस। इस परिवार के करीब छह हजार सदस्य हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद : आइआइटी-आइएसएम धनबाद का कैंपस। इस परिवार के करीब छह हजार सदस्य हैं जो कैंपस में रहते हैं। इनमें शिक्षकों से लेकर छात्र-छात्राएं और कर्मचारी हैं। एक बात सभी में कामन है आवारा आतंक का खौफ। यह खौफ सबके सिर चढ़कर बोल रहा है। यही कारण है कि इन दिनों आइआइटी-आइएसएम में कुत्ता पकड़ों और भगाओ अभियान चरम पर है।
सब काम छोड़ कर्मचारी पकड़ रहें कुत्ता: इन दिनों सुबह-शाम आइएसएम कैंपस में एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। कर्मचारी हाथ में लठ लिए कुत्तों के पीछे दौड़ते और भागते दिख जाते हैं। कुत्तों के पीछे-पीछे दौड़ते हैं और उन्हें पकड़ते हैं। कोशिश होती है कि कुत्तों को दौड़ा कर परिसर से बाहर खदेड़ दिया जाय। नहीं भागने पर उन्हें पकड़ जबरन बाहर किया जाता है।
इस कारण बढ़ गई कुत्तों की आबादी: आइएसएम परिसर में कुत्तों की आबादी सामान्य से ज्यादा हो गई है। इसका कारण छात्र बताए जाते हैं। यहां 5 हजार से ज्यादा छात्र हैं। छात्र कुत्तों को ब्रेड-बिस्किट खिलाते रहते हैं। नतीजतन, बाहर के कुत्तों का भी यहां बसेरा हो गया है। कुत्तों की आबादी बढ़ने से खतरा भी बढ़ गया है। वह कभी-कभी काट लेते हैं। इससे छात्रों और शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कैंपस में कुत्तों की आबादी बढ़ने से खतरा बढ़ गया है। छात्र-छात्रा और शिक्षकों को बचाने के लिए कुत्ता फ्री कैंपस किया जा रहा है। जानवर को मारा नहीं जा सकता। इसलिए कुत्तों को परिसर से भगाने के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है।
राम मनोहर, वरीय सुरक्षा पदाधिकारी, आइआइटी-आइएसएम।