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'डॉक्टर नहीं बेरोजगार, रिक्तियों के मुकाबले इंटरव्यू को कम पहुंचे उम्मीदवार'

अच्छा वेतमान नहीं होने के कारण चिकित्सक सरकारी नाैकरी में रूचि नहीं ले रहे हैं। पचास लाख और एक करोड़ खर्च कर डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले भला 40 हजार और 50 हजार वेतनमान की नाैकरी क्यों करेंगे?

By mritunjayEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 07:55 PM (IST)
'डॉक्टर नहीं बेरोजगार, रिक्तियों के मुकाबले इंटरव्यू को कम पहुंचे उम्मीदवार'
'डॉक्टर नहीं बेरोजगार, रिक्तियों के मुकाबले इंटरव्यू को कम पहुंचे उम्मीदवार'

धनबाद, जेएनएन। बेरोजगारी का आलम यह है कि जहां कहीं भी इंटरव्यू होता है रिक्तियों के मुकाबले उम्मीदवारों की बड़ी लाइन लग जाती है। एक-एक पद के दर्जन भर से ज्यादा दावेदार। लेकिन, मेडिकल के क्षेत्र में ऐसी बात नहीं है। ढूंढने पर भी रिक्तियों को भरने के लिए चिकित्सक नहीं मिलते हैं। ऐसा ही हाल मंगलवार को जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट( डीएमएफटी) के तहत अनुबंध पर चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू में देखने को मिला। 61 रिक्तियों से भी कम चिकित्सक इंटरव्यू देने पहुंचे। अब इंटरव्यू देने वाले सभी चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिए जानेे की तैयारी चल रही है। 

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धनबाद जिले में हाल ही में सदर अस्पताल बनकर तैयार हुआ है। इसका उद्घाटन भी हो चुका है। लेकिन, चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों के अभाव में अस्पताल में मरीजों का इलाज नहीं होता है। इसी तरह जिले के सभी प्रखंडों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की घोर कमी है। वित्तीय मजबूरियों के कारण राज्य सरकार आवश्यकतानुसार चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों की नियुक्ति नहीं कर पा रही है। इस समस्या का हल निकालने के लिए धनबाद जिला प्रशासन ने जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के तहत चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की नियुक्ति अनुबंध पर करने का निर्णय लिया है। नियुक्ति के बाद वेतन और मानदेय आदि का भुगतान डीएमएफटी की राशि से किया जाएगा। डीआरडीए में मंगलवार को उप विकास आयुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में साक्षात्कार आयोजित किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों के 9 और चिकित्सकों के 52 पदों के लिए इंटरव्यू हुआ। इसके साथ ही स्वास्थ्य प्रबंधक, नर्सिंग स्टाफ, एएनएम, लैब तकनिशियन, फार्मासिस्ट जैसे पदों के लिए इंटरव्यू हुआ। 

जानकारों का कहना है कि अच्छा वेतमान नहीं होने के कारण चिकित्सक सरकारी नाैकरी में रूचि नहीं ले रहे हैं। पचास लाख और एक करोड़ खर्च कर डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले भला 40 हजार और 50 हजार वेतनमान की नाैकरी क्यों करेंगे? वे सरकारी नाैकरी करने के बजाय खुद का क्लिनिक खोलकर प्रैक्टिस करना पसंद करते हैं। 

अनुबंध पर चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू हुआ। जल्द ही चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र साैंंप दिया जाएगा। चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति के लिए कमेटी गठित की गई है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर प्रतिनियुक्ति की जाएगी। 

डॉ. जेके बास्के, सिविल सर्जन, धनबाद 


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