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कोरोना योद्धाओं के सम्मान को लेकर शुरू हुआ विरोध, कुछ चुनिंदा लोगों के चुने जाने पर पीएमसीएच में हंगामा Dhanbad News

जिला प्रशासन की ओर से 22 कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने के फैसले का विरोध होने लगा है। पीएमसीएच में सैंपल की जांच कर रहे डॉक्टर-कर्मी और लैब टेक्नीशियन ने हंगामा शुरू कर दिया है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 08:15 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 08:15 PM (IST)
कोरोना योद्धाओं के सम्मान को लेकर शुरू हुआ विरोध, कुछ चुनिंदा लोगों के चुने जाने पर पीएमसीएच में हंगामा Dhanbad News
कोरोना योद्धाओं के सम्मान को लेकर शुरू हुआ विरोध, कुछ चुनिंदा लोगों के चुने जाने पर पीएमसीएच में हंगामा Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को 22 कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने के जिला प्रशासन के फैसले का विरोध होने लगा है। इसे लेकर पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सैंपल की जांच कर रहे डॉक्टर, कर्मचारियों और लैब तक्नीशियन ने हंगामा शुरू कर दिया। कर्मचारियों का कहना था वह लगातार पांच महीने से सैंपल की जांच कर रहे हैं। बिना किसी छुट्टी और आकस्मिक अवकाश के सभी लोग यहां सेवा दे रहे हैं। ऐसे में जब सम्मान की बात आई है तो कुछ चुनिंदा लोगों को ही चुना गया है। माइक्रोबायोलॉजी के कर्मचारियों ने काम फिलहाल रोक दिया है।

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सूचना के बाद पीएमसीएच प्रबंधन कर्मचारियों-डॉक्टर और लैब तक्नीशियन को मनाने में जुट गया है। बता दें कि जिला प्रशासन ने 22 लोगों का नाम चयन किया है, जिसका स्वास्थ्य कर्मचारियों ने विरोध किया है। कर्मचारियों का कहना है कि जिले में लगभग 600 से ज्यादा डॉक्टर, कर्मचारी कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन किस पैमाने के तहत 22 लोगों को चुना गया है। इसका जवाब किसी ने नहीं दिया है।

पीएमसीएच के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में भी मायूसी : पीएमसीएच के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि चार महीने से सभी अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। लगभग 450 कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। कुछ कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण के दौरान मस्जिद में भी ड्यूटी लगाई गई, तो कुछ कर्मचारियों को सप्ताह में दो बार कोरोना में सेवा देना पड़ रहा है।

सदर अस्पताल के 115 कर्मचारी डॉक्टर नाराज : सदर अस्पताल में कार्यरत 115 डॉक्टर-कर्मचारी और लैब टेक्नीशियन भी मायूस हो गए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यहां आधा दर्जन कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए, ठीक होने के बाद भी ड्यूटी कर रहे हैं। लेकिन इनका नाम लिस्ट में नहीं है। कर्मियों का कहना है इस तरह से भेदभाव ठीक नहीं है।

कोविड अस्पतालों के भी डॉक्टर-कर्मचारी नाराज : इसके साथ ही सेंट्रल अस्पताल, एसएसएलएनटी अस्पताल, भूली क्षेत्रीय अस्पताल, जोनल ट्रेनिंग स्कूल अस्पताल के डॉक्टर कर्मचारी भी नाराज हो गए हैं। इनका कहना है इससे कर्मचारियों का मनोबल टूटेगा। सम्मानित करना है जिला प्रशासन सभी को करें जो भी सेवा दे रहे हैं।

  • पांच महीने से लगातार सरकारी, अनुबंध और आउटसोर्सिंग के कर्मचारी कोविड में ड्यूटी दे रहे हैं। वह सभी सम्मान के हकदार हैं। कई कर्मचारी संक्रमित होने के बाद भी ठीक हुए और सेवा दे रहे हैं। जिला प्रशासन से अपील है कि इनके बारे में भी सोचा जाए। -नंदलाल गोप, महामंत्री, झारखंड स्वास्थ्य जन कर्मचारी संघ।
  • जिला प्रशासन द्वारा तैयार लिस्ट का कुछ कर्मचारियों ने शिकायत की है, उनसे बातचीत की जा रही हैं। इसके बाद आगे कुछ बता सकते हैं। -डॉ. गोपाल दास, सिविल सर्जन, धनबाद

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