धनबाद के छोटे उद्योगों की हालत खस्ता, वितरक संघ ने सांसद से मिल बचाने की लगाई गुहार
सचिव प्रभात सुरोलिया ने संगठन की तरफ से अपनी बात रखी कहा की बीसीसीएल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से धनबाद की आर्थिक रीढ़ है। पहले लोकल टेंडर के माध्यम से स्थानीय व्यापारियों और उद्योगों से ही माल खरीदता था। अब जेम पोर्टल और ई टेंडरिंग से खरीदारी हो रही है।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद जिले के छोटे उद्योगों की हालत खस्ता है। एक ओर कोरोना संक्रमण के कारण उद्याेगों की रफ्तार धीमी है तो दूसरी ओर बीसीसीएल ने इन उद्योगों से समान लेना बंद कर दिया है। ऐसे में यहां के उद्योगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। स्थानीय उद्योगों को बचाने के लिए जिला डिस्ट्रीब्यूटर संघ ने सांसद पीएन सिंह से गुहार लगायी है। सांसद से मुलाकत कर संघ ने सारी स्थिति से उन्हें अवगत कराया है।
संघ ने बताया कि इन दिनों बीसीसीएल जेम पोर्टल से खरीदारी कर रहा है। इससे स्थानीय व्यापारी एवं उद्यमियों के सामने अपनी आजीविका चलाने का संकट खडा हो गया है। स्थानीय लोग बेरोजगार हो रहे हैं। संघ ने मांग की है कि दो लाख रुपये मूल्य का समान लोकल टेंडर के माध्यम से स्थानीय व्यापारियों एवं उद्यमियों से खरीदने के लिए बीसीसीएल नीति बनाए। सचिव प्रभात सुरोलिया ने संगठन की तरफ से अपनी बात रखी कहा की बीसीसीएल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से धनबाद की आर्थिक रीढ़ है। पहले लोकल टेंडर के माध्यम से स्थानीय व्यापारियों और उद्योगों से ही माल खरीदता था। अब जेम पोर्टल और ई टेंडरिंग से खरीदारी हो रही है। स्थानीय व्यापार ठप हो रहा है और जिले में बेरोजगारी बढ़ रही है।
सांसद सिंह ने इस बाबत सीएमडी को पत्र लिखने की बात कही। सांसद से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में संघ के कार्यकारी अध्यक्ष ओमप्रकाश खासट, महासचिव प्रभात सुरोलिया, कोषाध्यक्ष संजय लोधा, उपाध्यक्ष रामायण चौधरी, सयुंक्त सचिव रणविजय कुमार, सतेंद्र जैन, सलाहकार घनश्याम गुप्ता, दिपक अग्रवाल, बसंत जलुका शामिल थे।