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वर्ष 2022 के अंत तक 55 हजार की प्यास बुझाएगा ढांगी पहाड़

आने वाले दिनों में शहर को जलापूर्ति की समस्या नहीं होगी। बिजली नहीं रहने पर भी भरपूर जलापूर्ति होगी। भुईंफोड़ का ढांगी पहाड़ यह काम करेगा। ढांगी पहाड़ी पर रिजर्वायर बनाने का काम तेजी से हो रहा है। यहां से लगभग नौ जलमीनारों के बराबर पानी की आपूर्ति हो सकेगी। योजना पूरी होने पर 55245 घरों में पानी पहुंचेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 06:10 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 06:10 AM (IST)
वर्ष 2022 के अंत तक 55 हजार की प्यास बुझाएगा ढांगी पहाड़
वर्ष 2022 के अंत तक 55 हजार की प्यास बुझाएगा ढांगी पहाड़

जागरण संवाददाता, धनबाद : आने वाले दिनों में शहर को जलापूर्ति की समस्या नहीं होगी। बिजली नहीं रहने पर भी भरपूर जलापूर्ति होगी। भुईंफोड़ का ढांगी पहाड़ यह काम करेगा। ढांगी पहाड़ी पर रिजर्वायर बनाने का काम तेजी से हो रहा है। यहां से लगभग नौ जलमीनारों के बराबर पानी की आपूर्ति हो सकेगी। योजना पूरी होने पर 55,245 घरों में पानी पहुंचेगा। इस योजना से शहर के स्टील गेट, जगजीवन नगर, कोलाकुसमा, पुराना बाजार, गांधी नगर, धनसार, जोड़ाफाटक, बैंकमोड़, बरटांड़, धैया, हीरापुर समेत आसपास के क्षेत्रों को पानी देने की योजना है। धनबाद पेयजलापूर्ति योजना फेज-दो के तहत कुल 89,196 आवासों को पानी का कनेक्शन दिया जाना है। 580 करोड़ की मैथन-भेलाटांड़ समानांतर पाइपलाइन योजना के तहत ढांगी पहाड़ी पर संप निर्माण किया हो रहा है। पहाड़ से सीधे 55,245 घरों तक पानी पहुंचेगा। बिजली नहीं रहने पर भी आपूर्ति में परेशानी नहीं होगी। यहां जलाशय निर्माण में एक करोड़ 69 लाख रुपये का खर्च किया जा रहा है। पेयजल विभाग ने संभावना जताई है कि वर्ष 2022 के अंत तक यहां से जलापूर्ति शुरू हो जाएगी। मैथन-भेलाटांड़ समानांतर जलापूर्ति योजना के तहत शहर से सटे ढांगी पहाड़ को काटकर पाइप बिछाने का काम चल रहा है। इसका निर्माण एलएंडटी कंपनी कर रही है। जुडको की देखरेख में काम हो रहा है। इस योजना के तहत 500 किलोमीटर पाइपलाइन बिछेगी। पाइप बिछाने का काम 60 फीसदी तक पूरा हो चुका है।

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फैक्ट फाइल

- रिजर्वायर पहाड़ी के सबसे ऊपरी तल पर बनाया जा रहा है। यहां से जलापूर्ति के लिए मोटर पंप की जरूरत नहीं पड़ेगी।

- बिजली की भी जरूरत नहीं होगी, बिजली नहीं रहने पर भी जलापूर्ति होगी।

- रिजर्वायर की क्षमता 8.6 एमएलडी है।

- भेलाटाड़ ट्रीटमेंट प्लांट से पानी मोटर पंप की मदद से यहां तक पहुंचेगा।

- रिजर्वायर से पानी शहर के अलग-अलग इलाके में बने जलमीनारों में पहुंचेगा।

- यहां भेलाटाड़ ही नहीं, जामाडोबा ट्रीटमेंट प्लांट से भी दामोदर का पानी आएगा।


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