Shaheed Randhir Prasad Verma: शहादत दिवस पर 3 जनवरी को दी जाएगी भावपूर्ण श्रद्धांजलि, कोरोना के कारण टूटेगी परंपरा
पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने जब रणधीर वर्मा चौक पर शहीद की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया तो उसके बाद से प्रतिमा स्थल पर ही संगीतमय श्रद्धांजलि देने की परंपरा शुरू हो गई थी। कोरोना महामारी का असर खत्म होने के बाद इस परंपरा को कायम रखा जाएगा।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद के जांबाज पुलिस अधीक्षक रहे और अपनी वीरता के लिए अशोक-चक्र जैसे सर्वोच्च पदक से सम्मानित शहीद रणधीर वर्मा को आगामी 3 जनवरी को स्थानीय रणधीर वर्मा चौक पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी जाएगी। कोरोना महामारी के कारण जीवन की रफ्तार ऐसी थमी कि तीन दशकों के इतिहास में पहली बार शहीद रणधीर वर्मा के शहादत दिवस के अवसर पर संगीतमय श्रद्धांजलि सभा नहीं होगी। पर बाकी कार्यक्रम यथावत होंगे। रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसाइटी के अध्यक्ष किशोर कुमार ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण से पूरी दुनिया त्राहि-त्राहि कर रही है। अपना देश बुरी तरह प्रभावित है। ऐसे में छोटी भी असावधानी परेशानी का सबब बन जा सकती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए अमर शहीद रणधीर वर्मा को श्रद्धांजलि देने की तीन दशकों की परंपरा को टूटने देने की मजबूरी है।
उन्होंने बताया कि संगीतमय श्रद्धांजलि की शुरूआत प्रख्यात सांस्कृतिकर्मी दिवंगत केके श्रीवास्तव की पहल पर की गई थी। रणधीर वर्मा की शहादत के बाद गांधी सेवा सदन में श्रद्धांजलि देने के लिए सभा आयोजित की गई थी। उस कार्यक्रम को गरिमामय और यादगार बनाने के लिए केके श्रीवास्तव ने कोयलांचल के कई कलाकारों का आडिशन लिया था। शालिनी श्रीवास्तव का चयन हुआ और उन्होंने पहली बार किसी मंच से बेहतरीन निर्गुण प्रस्तुत किया था। इसके साथ ही संगीतमय श्रद्धांजलि देने की परंपरा शुरू हो गई थी।
कुमार ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने जब रणधीर वर्मा चौक पर शहीद की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया तो उसके बाद से प्रतिमा स्थल पर ही संगीतमय श्रद्धांजलि देने की परंपरा शुरू हो गई थी। कोरोना महामारी का असर खत्म होने के बाद इस परंपरा को कायम रखा जाएगा। शहादत दिवस पर आयोजित बाकी कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की जा रही हैं। रणधीर वर्मा चौक पर शहीद की आदमकद प्रतिमा को पूर्व की तरह ही सजाया जाना है। केवल स्टेज नहीं बनेगा।