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Hello Jharkhand Government ... मैं गोल्ड मेडल पर निशाना साध लूंगी, इक राइफल तो दिला दो

कोनिका बताती है कि राइफल के लिए 2017 से ही प्रयासरत है। खेल मंत्री से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुकी है। अपनी क्षमता की बदौलत अभी तक एक लाख रुपये का ही बंदोबस्त कर पाई है। कोनिका का सपना देश के लिए ओलंपिक में मोडल लाना है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 07:52 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 05:59 PM (IST)
Hello Jharkhand Government ... मैं गोल्ड मेडल पर निशाना साध लूंगी, इक राइफल तो दिला दो
बेस्ट कैडेट समेत कई अवार्ड जीतने वाली कोनिका लायक ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। धनसार के अनुग्रह नगर की कोनिका लायक बेस्ट कैडेट समेत कई अवार्ड जीत चुकी है। राइफल शूटिंग में कई गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया। कोनिका बेहतरीन राइफल शूटिंग खिलाड़ियों में से एक है। कई प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर अपनी प्रतिभा साबित कर चुकी है। कोनिका ओलंपिक गेम्स में भाग लेकर देश का नाम रोशन करना चाहती है। एनसीसी से जुड़ने के बाद राइफल शूटिंग में करियर बनाने का ख्वाब था। आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से आज अपने लिए अच्छी राइफल तक नहीं खरीद पा रही है। यही वजह है कि प्रतिभा होने के बाद भी किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पा रही। 

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शूटिंग राइफल के लिए चाहिए 2.66 लाख

कोनिका ने बताया कि ओलंपिक में खेले जाने वाले राइफल की कीमत दो लाख 66 हजार है और उसके पास सिर्फ एक लाख रुपये है। अगर मदद मिलती है राइफल खरीद कर राज्य और देश के लिए मेडल ला सकती है। राज्य सरकार से भी मदद की आस लगा रखी है। कोनिका ने बताया कि वह जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर कई राइफल प्रतियोगिता में भाग भी ले चुकी है। गोल्ड सहित दर्जनों मेडल आज घर में रखे हुए हैं। 

2017 से मदद को प्रयासरत

कोनिका बताती है कि राइफल के लिए 2017 से ही प्रयासरत है। खेल मंत्री से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुकी है। अपनी क्षमता की बदौलत अभी तक एक लाख रुपये का ही बंदोबस्त कर पाई है। कोनिका का सपना देश के लिए ओलंपिक में मोडल लाना है। ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के लिए रोजाना प्रैक्टिस बेहद जरूरी है। इसके लिए एक अच्छी राइफल होना भी उतना ही जरूरी है। 2017 में में तत्कालीन खेल मंत्री अमर बाउरी से आश्वासन मिला। चार वर्ष बीत गए, अभी तक कुछ नहीं हुआ। 

प्रतिभा को मदद की दरकार

अनुग्रह नगर के निवासियों का कहना है कि कोनिका जैसी प्रतिभाशाली खिलाड़ी को आज राइफल के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। झारखंड सरकार और धनबाद के जनप्रतिनिधि कोशिश करें तो आसानी से कोनिका को राइफल उपलब्ध करा सकते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों की तो कम से कम मदद करनी चाहिए। इन्हें प्रोत्साहित करें, ताकि आगे चलकर यह देश के लिए खेलें और मेडल जीतकर लाएं।


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