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Weekly News Roundup Dhanbad: एसडीएम पर निषेधाज्ञा, पढ़ें बालू के खेल में बड़े-बड़ों की भूमिका

बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह नए साल पर सेवानिवृत हो जाएंगे। तकदीर से सेवा विस्तार हो जाय तो बात बन जाय। खैर सेवानिवृति के पहले सुपौत्री के जन्म के सालगिरह का मौका आया तो उन्होंने धनबाद कोयलांचल के लोगों की मेजबानी के लिए जलसे का आयोजन किया।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 11:47 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 11:47 AM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: एसडीएम पर निषेधाज्ञा, पढ़ें बालू के खेल में बड़े-बड़ों की भूमिका
धनबाद के एसडीएम सुरेंद्र कुमार के खिलाफ एडीएम चंदन जांच कर रहे हैं।

धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी]। धनबाद एसडीएम सुरेंद्र कुमार जांच के दायरे में हैं। सरायढेला के नागरिक डीके सिंह ने सीधे सरकार से शिकायत कर दी कि एसडीएम खुद बालू का अवैध कारोबार करा रहे हैं। सरायकेला में पदस्थापित थे तो एक जन से नाता जुड़ गया था। अब उसी को बुला कर बालू से तेल निकाल रहे हैं। एसडीएम पर इतने गंभीर आरोप लगे तो जांच होगी ही। सरकार ने जिलाधिकारी को सूक्ष्मता से जांच का आदेश दिया। नाम के विपरीत शीतलता देने की जगह अपनी जांच रिपोर्ट में आग उगलने वाले एडीएम चंदन कुमार को डीएम ने एसडीएम के खिलाफ जांच करने की जवाबदेही दी है। एसडीएम तनाव में है। फिलहाल चंदन कुमार को शीतल करना उतना ही कठिन दिखता है, जितना हाथी को चड्ढी पहनाना। उद्यमियों की शिकायत पर चंदन कुमार ने निरसा थानेदार सुभाष सिंह को ऐसी कानूनी पाठ पढ़ाया है कि ताउम्र याद रहे।

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कभी अलविदा ना कहना

बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह नए साल पर सेवानिवृत हो जाएंगे। तकदीर से सेवा विस्तार हो जाय तो बात बन जाय। खैर, सेवानिवृति के पहले सुपौत्री के जन्म के सालगिरह का मौका आया तो उन्होंने धनबाद से बोकारो तक फैले कोयलांचल के लोगों की मेजबानी के लिए जलसे का आयोजन किया। तरह-तरह के लजीज व्यंजन। सीसीएल के सीएमडी रहते गोपाल सिंह ने बेरमो में कई योजनाओं की आधारशिला रखी थी। स्कूलों के कायाकल्प का प्रयास किया था। बंद पिसरी कोयला खदान चालू कराने के लिए तत्कालीन सीएम रघुवर दास से ऑनलाइन उद्घाटन कराया था। सो, गोपाल सिंह के सामने बोकारो से धनबाद के लोग बोल पड़े कि कभी अलविदा न कहना। वैसे गोपाल सिंह इस धरती को अलविदा नहीं कह सकते। उनके पुत्र मृगांक शेखर सालों से भाजपा में हैं। वे बेरमो से चुनाव लडऩे को लालायित हैं। अबकी चूक गए। अगली बार आर-पार को तैयार। 

फरेब को बना लिया पेशा

भुली के मोहन कुमार ने पुराना बाजार के लाइफ केयर जांच घर में शारीरिक जांच कराई। जांच रिपोर्ट लेकर एनएमसीएच अस्पताल गए। जांच रिपोर्ट पर डॉक्टर हर्ष शरण के दस्तखत थे। वही डाक्टर साहब जो कुछ दिन साल पहले एनएमसीएच से सेवानिवृत हो गए थे। सपरिवार राजधानी रांची में रह रहे हैं। जांच रिपोर्ट देख डॉक्टर चौंक गए। भांप गए कि फरेब हो रहा है। निगाह रखनी शुरू की तो रणधीर वर्मा चौक के बायो कैमिकल लैब, भुली के लाइव केयर जांच घर में होने वाली जांच में भी डॉक्टर शरण के दस्तखत मिल गए। रोजाना डॉक्टरों के सुझाव पर हजारों लोगों की जांच हो रही है और पैथोलॉजिस्ट के फर्जी हस्ताक्षर पर रिपोर्ट तैयार। वासेपुर के एक मुस्लिम बुजुर्ग ने भी भुली में जांच कराई थी। सुना तो व्यंग्य में शायरी बोल पड़े, 'ऐ मुझको फरेब देने वाले, मैं तुझपे यकीन कर चुका हूं।'

कोयला हमारा, बिजली नहीं

झारखंड के कोयला से दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) समेत कई विद्युत ऊर्जा संयंत्र में बिजली पैदा की जाती है। धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, देवघर जैसे कोयला उत्पादन करने वाले जिलों के लोगों की सहूलियत के लिए डीवीसी बिजली देती रही है। झारखंड सरकार ने डीवीसी को बिजली के विपत्र का बकाया नहीं दिया। केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के कोटे के 14 सौ करोड़ काट लिए। अभी भी रकम बाकी है। अब डीवीसी ने बिजली काटना शुरू कर दिया है। नए साल पर चार घंटे तक बिजली कटौती होगी। रुपये नहीं मिले तो फिर 12 घंटे तक बिजली काटी जाएगी। तत्काल चुनाव भी नहीं होना है कि लोगों को राहत मिले। झेलते रहिए। झेले भी क्यों नहीं, बिजली तो हवा, जल और सूरज से भी पैदा होती है। अलग झारखंड बनने के बाद तक इसपर कुछ नहीं किया गया। कुछ कमाई होती तो शायद नौकरशाही गौर करती।


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