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Jal Shakti Abhiyan: जल शक्ति अभियान का मॉडल बनेगा धनबाद, मुख्यमंत्री ने दी बधाई

कहीं खो न जाए तालाब कार्यक्रम के तहत हर गांव के तीन-तीन तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना बनाई गई। घर का पानी घर में कार्यक्रम के तहत सोख्ता बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 12:14 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 12:14 PM (IST)
Jal Shakti Abhiyan: जल शक्ति अभियान का मॉडल बनेगा धनबाद, मुख्यमंत्री ने दी बधाई
Jal Shakti Abhiyan: जल शक्ति अभियान का मॉडल बनेगा धनबाद, मुख्यमंत्री ने दी बधाई

रांची , जेएनएन। जल शक्ति अभियान के क्रियान्वयन में धनबाद देश का तीसरा सबसे बेहतर शहर बन गया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस दिशा में धनबाद जिला प्रशासन की ओर से किए गए प्रयोग की न सिर्फ तारीफ की है, बल्कि बधाई भी दी है। मुख्यमंत्री सीधी बात कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों से मुखातिब मुख्यमंत्री ने धनबाद डीसी से जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए प्रयोग अन्य उपायुक्तों के साथ साझा करने को कहा।

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उपायुक्त ने कहा कि यह सफलता सरकारी तंत्र के साथ-साथ स्कूलों-कालेजों, गैर सरकारी संस्थानों व आम जनता के आपसी समन्वय से मिली है। जल संरक्षण को जनांदोलन का स्वरूप देने के निमित्त उन्होंने जहां कॉफी विद मुखिया कार्यक्रम की शुरुआत की, वहीं छह जुलाई को सभी पंचायतों में ग्रामसभा आयोजित की। सात जुलाई को एक घंटे मेंं एक लाख पौधे की जगह रिकार्ड 1.41 लाख पौधे जिले में लगाए गए।

'कहीं खो न जाए तालाब' कार्यक्रम के तहत हर गांव के तीन-तीन तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना बनाई गई। 'घर का पानी घर में' कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सोख्ता बनाने तथा पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया गया। एक से 10 अगस्त के बीच बच्चों के बीच जल संरक्षण को लेकर कई प्रतियोगिताएं कराईं। जिले में अबतक 23 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं।

जन संवाद में आई शिकायतों में से 90 फीसद का निपटाराः मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र तक पहुंची शिकायतों में से 90 फीसद का निपटारा हो चुका है। आंकड़ों की बात करें तो 3,88,896 में से 3.50 लाख मामलों का समाधान किया जा चुका है। पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर जन संवाद और सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। अबतक 1400 पंचायत कवर किए गए हैं, अक्टूबर तक सरकार हर पंचायत में पहुंच जाएगी। अब उपायुक्त के स्तर पर बीडीओ और सीओ के साथ सीधी बात हो रही है। गिरिडीह, पलामू, देवघर, दुमका और हजारीबाग ऐसे पांच जिले हैं, जहां मामले के निष्पादन की रफ्तार अपेक्षाकृत कम है।


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