Move to Jagran APP

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वे के धनबाद 28वें पायदान पर, दो साल पहले 94वें पायदान पर था Dhanbad News

निगम की टीम शहर में रहनेवालों से यहां उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं के बारे में फीडबैक ले रही है। इसी से तय होगा कि शहर कितना रहने लायक है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 08:20 AM (IST)
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वे के धनबाद 28वें पायदान पर, दो साल पहले 94वें पायदान पर था Dhanbad News
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वे के धनबाद 28वें पायदान पर, दो साल पहले 94वें पायदान पर था Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स सर्वे के पब्लिक फीडबैक में देशभर के 114 शहरों में धनबाद 28वें पायदान पर पहुंच गया है। रांची धनबाद से काफी पीछे चल रहा है। रांची 52वें स्थान पर है। पब्लिक फीडबैक का अभियान 14 फरवरी तक चलेगा। रैंकिंग सुधारने के लिए नगर निगम लगातार जोर आजमाइश कर रहा है। जिस अंचल में कमजोर चल रहे हैं, वहां अधिक जोर लगाने का निर्देश दिया जा रहा है।

loksabha election banner

निगम की टीम शहर में रहनेवालों से यहां उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं के बारे में फीडबैक ले रही है। इसी से तय होगा कि अपना शहर कितना रहने लायक है। इसी से शहर की रैकिंग भी तय होगी। इंडैक्स सर्वे में झारखंड से सिर्फ धनबाद और रांची ही शामिल हैं। शहरी विकास मंत्रालय हर दो साल पर यह सर्वे कराता है। 2017 में धनबाद 94वें पायदान पर था। 

13115 फीडबैक का लक्ष्य

निगम के अधिकारियों के अनुसार सर्वे में शामिल शहरों को जनसंख्या के हिसाब से पब्लिक फीडबैक का लक्ष्य दिया गया है। धनबाद को करीब 13115 लोगों से फीडबैक लेने का लक्ष्य दिया गया है। अभी तक 8990 फीडबैक किया जा चुका है। इस फीडबैक के दम पर धनबाद का अचीवमेंट परसेंट 68.55 फीसद हो गया है। जबकि रांची महज 30.16 फीसद है। इसे शहरी विकास मंत्रालय के पोर्टल पर ऑनलाइन फीड किया जा रहा है। मंत्रालय स्तर पर पब्लिक फीडबैक का आकलन किया जाएगा और उसी आधार पर रैकिंग तय होगी। सभी सुपरवाइजरों को इस काम में लगाया गया है।

इन सुविधाओं पर तय होगा इंडेक्स

  1. शहरी क्षेत्र की कुल जनसंख्या एवं क्षेत्रफल।
  2. हाउस होल्ड की कुल संख्या।
  3. कितने घरों में है बिजली कनेक्शन।
  4. शहर में रहने वाले का साक्षरता दर।
  5. स्लम की कुल जनसंख्या।
  6. लोग कितना कमाते हैं और कितना खर्च करते हैं।
  7. शिक्षा और स्वास्थ्य पर कितना खर्च।
  8. शिक्षक एवं छात्रों की संख्या, अनुपात।
  9. प्राइमरी, हाई, उच्च शिक्षण संस्थान।
  10. हाई स्कूल से ड्रापआउट छात्र।
  11. डिजिटल एजुकेशन में छात्रों की संख्या।
  12. स्वास्थ्य सेवा की क्या है स्थिति।
  13. कितना चिकित्सक, कितने पारा मेडिकल स्टाफ।
  14. पिछले वर्ष कितना पानी सप्लाई किया गया।
  15. कितने घरों में वाटर कनेक्शन है।
  16. पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति कैसी है।
  17. शहर में अपराध की स्थिति क्या है।
  18. महिला एवं बाल उत्पीडऩ की घटनाएं।
  19. वाटर हार्वेस्टिंग की स्थिति क्या है।

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में प्रदूषण पर विशेष फोकस

सभी पदाधिकारियों को रैंकिंग सुधार के लिए लगाया जा चुका है। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में प्रदूषण पर विशेष फोकस किया गया है। शहर में प्रदूषण की स्थिति क्या है। शहरी क्षेत्र में कितना ग्रीन एरिया है। कितने लोग अभी भी जलावन में कोयले का उपयोग करते है। इसकी जानकारी भी एकत्रित की जा रही है।

-चंद्रमोहन कश्यप, नगर आयुक्त 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.