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Dhanbad Railway Station: नीचे दाैड़ेंगी ट्रेनें, ऊपर होगा स्टेशन भवन, नवी मुंबई जैसा होगा एहसास

न्यू मुंबई रेलवे स्टेशन की तर्ज पर धनबाद स्टेशन को विकसित किया जाएगा। स्टेशन का भवन ऊपर होगा और नीचे से यात्री ट्रेन और मालगाडिय़ां गुजरेंगी।

By mritunjayEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 08:04 AM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 08:04 AM (IST)
Dhanbad Railway Station: नीचे दाैड़ेंगी ट्रेनें, ऊपर होगा स्टेशन भवन, नवी मुंबई जैसा होगा एहसास

धनबाद, तापस बनर्जी। पश्चिम बंगाल के डानकुनी से लुधियाना तक बनने वाले पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से धनबाद रेलवे स्टेशन से लेकर रांगाटांड़ तक कई बड़े बदलाव होंगे। धनबाद जंक्शन पूरी तरह नए कलेवर में दिखेगा। न्यू मुंबई रेलवे स्टेशन की  तर्ज पर धनबाद स्टेशन को विकसित किया जाएगा। स्टेशन का भवन ऊपर होगा और नीचे से यात्री टे्रन और मालगाडिय़ां गुजरेंगी। इतना ही नहीं रांगाटांड़ रेल ओवरब्रिज से समानांतर एक और ओवरब्रिज बनेगा। डबल लेन के नए ओवरब्रिज पर मालगाडिय़ां फर्राटा भरेंगी।

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डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) ने अपनी प्रारंभिक योजना से रेलवे को अवगत करा दिया है। पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए योजना की विस्तृत जानकारी भी साझा कर दी गई है। रेलवे अधिकारियों ने भी कई सुझाव दिए हैं। अपने कंसल्टेंट से प्लानिंग का नक्शा तैयार कर उपलब्ध कराने को कहा है। 31 अगस्त तक फाइनल रिपोर्ट के साथ डीएफसीसीआइएल के अधिकारी फिर धनबाद आएंगे जहां रेलवे के साथ बैठक में योजना पर अंतिम मुहर लगेगी।

हाइटेक होगा स्टेशन : धनबाद स्टेशन भवन के ऊपर शिफ्ट होने पर यात्रियों से जुड़ी तमाम सुविधाएं भी ऊपर बहाल होंगी। स्टेशन मैनेजर केबिन से लेकर आरक्षण केंद्र, जनरल टिकट घर, प्रतीक्षालय, कैटङ्क्षरग स्टॉल समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

फ्रेट कॉरिडोर के लिए प्लान तैयार : फ्रेट कॉरिडार शहर के बाहरी हिस्से से तो मौजूदा रेलवे लाइन के समानांतर ही बिछेगी। शहरी क्षेत्र में लाइन कहां और कैसे बिछाई जाएगी, इस पर विस्तृत प्लानिंग की गई है। गोमो और कोडरमा में भी इसे लिए व्यापक बदलाव होंगे।

रेलवे भी करेगी आकलन : डीएफसीसीआइएल की फाइनल प्लानिंग के बाद रेलवे अपने स्तर पर भी आकलन करेगी। इस दौरान रेलवे ट्रैक बिछाने को लेकर आनेवाली बाधा, तोड़े जाने वाले भवनों के पुनर्निर्माण का खर्च वगैरह का आकलन कर डीपीआर तैयार होगा। इसके बाद ही यह तय होगा कि डीएफसीसीआइएल रेलवे स्टेशन और अन्य भवनों का निर्माण खुद कराएगी या रेलवे को निर्माण का खर्च मुहैया कराएगी।

फ्रेट कॉरिडोर को अटक सकता है गया पुल का चौड़ीकरण: रांगाटांड़ गया पुल से होकर ही फ्रेट कॉरिडोर गुजरेगा। यही वजह है कि जब तक फ्रेट कॉरिडोर का अंतिम प्रारूप तैयार नहीं हो जाता और उस पर मुहर नहीं लग जाती, तब तक गया पुल का चौड़ीकरण नहीं हो सकेगा। फ्रेट कॉरिडोर के लिए डबल लाइन बिछेगी। इसके लिए मौजूदा पुल के समानांतर एक और ओवरब्रिज का निर्माण करना होगा। इससे पहले अगर पुल का चौड़ीकरण कर दिया गया तो फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण के दौरान तकनीकी समस्या हो सकती है।

'पूर्व मध्य रेल के अपर महाप्रबंधक व डीआरएम के साथ डीएफसीसीआइएल के सीजीएम की बैठक में इसपर विस्तृत चर्चा हुई है। आगे की प्रक्रिया उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही शुरू होगी।'

-पीके मिश्रा, पीआरओ, धनबाद रेल मंडल

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