ईसीएलकर्मी चिरंजीत को फंसाने के लिए पुलिस ने ही कार में गांजा रखवा बुना था जाल, CID जांच में खुलासा Dhanbad News
Nirsa Ganja seizure case सीआइडी अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि दो लड़के नीरज तिवारी व रवि ठाकुर ने कार में गांजा रखा। कार को कबाड़ी वाले के एक चालक ने धनबाद पहुंचाया।
रांची/धनबाद, जेएनएन। निरसा में गांजा तस्करी में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के कर्मचारी चिरंजीत घोष को फंसाने के मामले में सीआइडी तेजी से अनुसंधान कर रहा है। अब तक जांच में यह खुलासा हुआ है कि जिस कार में 39.300 किलो गांजा रखा गया था, वह मेदिनीनगर के एक कबाड़ी कारोबारी की थी। पूरी योजना एक पुलिस अधिकारी की देखरेख में बनाई गई थी ताकि कोयला तस्करी के रास्ते में रोड़ा बने चिरंजीत को रास्ते से हटाया जा सके।
सीआइडी अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि दो लड़के नीरज तिवारी व रवि ठाकुर ने उक्त कार में गांजा रखा। कार को कबाड़ी वाले के एक चालक ने धनबाद पहुंचाया। वहां एक पुलिस अधिकारी के कहने पर निरसा में कार को पकड़ा गया। कार का चालक भागा या भगाया गया, यह जांच का विषय है। बाद में जब प्राथमिकी दर्ज हुई, उसमें ईसीएलकर्मी चिरंजीत घोष का नाम जोड़कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाद में पुलिस ने तथ्य की भूल बताते हुए और साक्ष्य नहीं मिलने की बात करते हुए उन्हें जेल से छुड़ाया। सीआइडी ने अनुसंधान में इस प्रकरण को पकड़ा है।
एडीजी के आदेश पर अनुसंधान
पिछले हफ्ते ही सीआइडी के एडीजी अनिल पाल्टा ने निरसा में 39.300 किलो गांजा जब्ती के मामले को टेकओवर किया था। इस मामले में 25 अगस्त 2019 को निरसा थाना में कांड संख्या 179/19 में एनडीपीएस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब इस कांड के अनुसंधान के लिए गठित विशेष टीम का नेतृत्व डीएसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। उन्हें पुलिस निरीक्षक, पुलिस अवर निरीक्षक व सहायक अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी सहयोग कर रहे हैं।