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Vande Bharat Mission: आसमां-सा ऊंचा इस उड़नपरी का हाैसला, अब तक 4300 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर लाया स्वदेश

Vande Bharat Mission सृष्टि ने कहा कि अगर दिल में जोश और जज्बा हो तो महिला भी हर मंजिल हासिल कर सकती है। सपनों को पाने के लिए बस हौसले और मेहनत की जरूरत होती है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 03:49 PM (IST)
Vande Bharat Mission: आसमां-सा ऊंचा इस उड़नपरी का हाैसला, अब तक 4300 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर लाया स्वदेश
Vande Bharat Mission: आसमां-सा ऊंचा इस उड़नपरी का हाैसला, अब तक 4300 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर लाया स्वदेश

धनबाद [ आशीष सिंह ]। धनबाद की पहली महिला पायलट सृष्टि जीवंतिका सिंह ने एक और इतिहास रच दिया। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन का चौथा चरण शुरू हो गया है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की कॉमर्शियल पायलट सृष्टि इस मिशन से जुड़कर दुबई, सिंगापुर और अब क्वालालंपुर से एयरलिफ्ट कर 4600 भारतीयों को स्वदेश पहुंचाने का काम किया है। कुछ दिन पहले तक दुबई से 2500 और सिंगापुर 1500 भारतीयों को स्वदेश लाने का काम किया। दो दिन पहले रविवार को दिल्ली से क्वालालंपुर के लिए उड़ान भरी और देर शाम 300 से अधिक भारतीयों को लेकर लौटीं।

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धनबाद के लिए गर्व की बात

Vande Bharat Mission से पहले भी सृष्टि  (Pilot Srishti Singh) एयर इंडिया के एयरक्राफ्ट को महिला क्रू मेंबर्स के साथ खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात के शहर अबूधाबी के लिए उड़ान भर चुकी हैं। दो साल पहले अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर इसे रवाना किया गया था। एयरक्रॉफ्ट के कॉकपिट में पायलट और को-पायलट भी महिला ही थीं। क्रू की अन्य सदस्य भी महिलाएं ही थीं। सभी का नेतृत्व प्रथम अधिकारी के रूप में सृष्टि ने ही किया था। अब एक बार फिर से वंदे भारत मिशन के लिए सृष्टि का चुना जाना धनबाद समेत झारखंड के लिए गर्व की बात है। पॉलीटेक्निक रोड निवासी सूष्टि के पिता कर्नल जेके सिंह ने कहा यह उनके लिए गौरव का क्षण है। उनकी बेटी देशसेवा के लिए निरंतर आगे बढ़ रही है। वंदे भारत मिशन से जुडऩा ही गर्व की बात है। सृष्टि की मां नीतिका सिंह ने भी बेटी की उपलब्धि पर हर्ष प्रकट किया है। सृष्टि के पिता कर्नल जेके सिंह भी देशसेवा और अपनी विशेष उपलब्धियों के लिए सेना में विशेष पहचान रखते हैं। दिल्ली में आयोजित होनेवाले गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में उद्घोषक की भूमिका निभाते हैं।

यह हर भारतीय महिला की उड़ान

सृष्टि ने कहा कि अगर दिल में जोश और जज्बा हो तो महिला भी हर मंजिल हासिल कर सकती है। सपनों को पाने के लिए बस हौसले और मेहनत की जरूरत होती है। वंदे भारत मिशन के लिए झारखंड से यह उनकी पहली उड़ान है। देशसेवा उनके लिए सर्वोपरि है। यह अंतरराष्ट्रीय उड़ान हर भारतीय महिला के सपनों की उड़ान है। महिलाएं भी देश को आॢथक और सामाजिक रूप से आगे बढ़ाने में पीछे नहीं है। बस उन्हेंं अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना चाहिए। वे किसी से कमजोर नहीं। धनबाद निवासी और कर्नल जेके सिंह की पुत्री सृष्टि जीवंतिका सिंह का चयन एयर इंडिया में अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए बतौर कॉमर्शियल पायलट हुआ है। पॉलीटेक्निक रोड स्थित हैप्पी चाइल्ड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। इसके बाद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी, रायबरेली से कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। फिर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफलता पाई। अब एयर इंडिया एक्सप्रेस में सेवा दे रही हैं। धनबाद से किसी युवती का अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए बतौर पायलट यह पहला चयन है।


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