कांटा पहाड़ी में अवैध उत्खनन के दौरान मलबा धंसा, बच्ची जख्मी
कतरास कोयला खदानों में अवैध खनन रोकने की दिशा में अभी तक पहल शुरू नहीं हुई है।
कतरास : कोयला खदानों में अवैध खनन रोकने की दिशा में अभी तक पहल शुरू नहीं हुई है। कंपनी की सुरक्षा एजेंसी व सरकारी तंत्र की अनदेखी का परिणाम है कि आए दिन अवैध उत्खनन के दौरान दुर्घटनाएं हो रही है। शनिवार सुबह करीब साढे नौ बजे वेस्ट मोदीडीह के कांटापहाड़ी आउटसोर्सिंग परिक्षेत्र में अवैध उत्खनन के दौरान मलबा में दबने से 12 वर्षीय बच्ची गंभीर रूप से जख्मी हो गयी। उसको लोग स्थानीय नर्सिंग होम ले गए, जहां उसकी हालत गंभीर देख चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया। जख्मी लकड़का चार नंबर की बताई जाती है। स्थानीय लोगों की मानें तो आउटसोर्सिंग परिक्षेत्र में अन्य दिन की तरह काफी संख्या में महिला-पुरुष खनन कर रहे थे। इस दौरान एक जगह ऊपर से मलवा गिर गया, जिसमें बच्ची दब गई। यह देख खनन कर रहे अन्य लोग वहां पहुंचे और मलबा से उसे बाहर निकालकर अस्पताल ले गए।
अवैध उत्खनन हादसों से सुरक्षा एजेंसी व पुलिस अनजान
कतरास : अवैध उत्खनन के दौरान हादसे के अधिक मामले बरोरा क्षेत्र के बंद पडृी फुलारीटांड़ आउटसोर्सिंग परियोजना और कतरास क्षेत्र की वेस्ट मोदडीह कोलियरी के कांटा पहाड़ी आउटसोर्सिंग पैच के पास सामने आए है। 13 जनवरी को वेस्ट मोदीडीह कोलियरी में केशलपुर हाउट बुटू बाबू बंगला के समीप अवैध उत्खनन के दौरान मलबा में दबने से भंडारीडीह का एक युवक जख्मी हुआ था। 20 जनवरी को बंद पड़ी फुलारीटांड़ आउट सोर्सिंग परिक्षेत्र में मलबा में दबने से निचितपुर का एक युवक गंभीर रूप से जख्मी हुआ था। 8 जनवरी को फुलारीटांड़ के उक्त परियोजना में मलबा में दबने से खरखरी इलाके की एक युवती की मौत हुई थी। विगत 30 दिसंबर को फुलारीटांड़ के इसी पैच में मलवा में दबने से बरोरा बस्ती के एक महिला की मौत हुई थी। इन परियोजनाओं में पूर्व में अवैध उत्खनन के दौरान मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पुलिस या प्रबंधन के पास कोई आंकड़ा नहीं है। हर बार पुलिस व प्रबंधन यही कहती रही कि घटना की सूचना नहीं है। फुलारीटांड़ के बंद परियोजना में सरेआम सैकड़ों लोग उत्खनन करते और मोटर साइकिल से ढुलाई करते देखे जा सकते हैं।