DMC: प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लिए रेलवे और बीसीसीएम समेत बड़े बकायेदारों को नोटिस, आइएसएम ने चुकाया 1.75 करोड़
प्रॉपर्टी टैक्स का नोटिस भेजने के बाद आईआईटी आइएसएम ने निगम को एक करोड़ 75 लाख का टैक्स जमा किया है। आइएसएम ने ऑनलाइन पेमेंट के मार्फत यह टैक्स जमा किया है। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने सभी बकायेदारों से जल्द से जल्द टैक्स जमा करने की अपील की है।
धनबाद, जेएनएन। कोविड की दूसरी लहर के चलते अप्रैल का दूसरा महीना ऐसे ही बीत गया। मई भी बीतने को है। ऐसे में धनबाद नगर निगम (DMC) अपने टैक्स में इजाफा करने की योजना बना रहा है। शुरुआत बकायेदारों से वसूली से हो रही है। नगर निगम की ओर से एक बार फिर से बड़े बकायेदारों को प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने का नोटिस भेजा गया है। इसमें बीसीसीएल, स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, पुलिस विभाग, झमाडा और रेलवे भी शामिल है। रेलवे ने तो जब से नगर निगम का गठन हुआ है, तब से एक रुपये का भी प्रॉपर्टी टैक्स नहीं दिया है। जबकि नगर निगम का तर्क है कि नगर पालिका एक्ट में प्रावधान है निगम क्षेत्र में सभी को प्रॉपर्टी टैक्स देना अनिवार्य है। रेलवे तो निगम के नोटिस का जवाब भी नहीं दे रहा है।
बीसीसीएल पर 300 करोड़ बकाया
धनबाद नगर निगम का कहना है कि 1978 तक रेलवे धनबाद नगरपालिका को प्रतिवर्ष तीन लाख 55 हजार रुपये होल्डिंग टैक्स देता रहा है। रेलवे अपने 377 क्वार्टर और 60 कार्यालय का टैक्स जमा करता आया है। इसके बाद टैक्स देना बंद कर दिया। रेलवे ने ऐसा किस परिस्थिति में किया, यह कोई नहीं बता रहा है। नगर निगम ने टैक्स को लेकर रेलवे के साथ कई बार पत्राचार किया। इसके बाद नोटिस भेजा गया, अब रिमाइंडर भेजा गया है। नगर निगम ने रेलवे को भेजे नोटिस में कहा है कि झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली 2013 के अनुसार राज्य एवं केंद्र सरकार के कार्यालयों को होल्डिंग (अब प्रॉपर्टी) टैक्स देना अनिवार्य है। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में आप निगम की सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं तो टैक्स देना होगा। इसी तरह बीसीसीएल पर लगभग 300 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। बकाया जमा न होने पर नगर निगम विभागीय सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई की अनुशंसा करेगा।
आइएसएम ने दिया पौने दो करोड़ का टैक्स
प्रॉपर्टी टैक्स का नोटिस भेजने के बाद आईआईटी आइएसएम ने निगम को एक करोड़ 75 लाख का टैक्स जमा किया है। आइएसएम ने ऑनलाइन पेमेंट के मार्फत या टैक्स जमा किया है। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने सभी बकायेदारों से जल्द से जल्द टैक्स जमा करने की अपील की है। नगर निगम में 1200 दैनिक वेतन भोगी कर्मी हैं। इनके वेतन भुगतान पर हर महीने 75 लाख खर्च होता है। इसके अलावा अन्य तमाम खर्चे हैं। टैक्स से ही निगम का काम होता है।