धनबाद नगर निगम को खोजे से नहीं मिल रहे ठेकेदार, जानिए क्या है काम
धनबाद नगर निगम की जिन योजनाओं का टेंडर हो चुका है उसमें आवारा कुत्तों का बंध्याकरण वार्डों में वायु प्रदूषण मापक यंत्र लगाने के साथ निगम के भवनों में लगने वाले रेन वाटर हार्वेस्टिंग का टेंडर है। एक माह के दौरान इन सभी योजनाओं का टेंडर किया गया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद नगर निगम की कई विकास योजनाओं पर ग्रहण लग गया है। वजह है इन विकास कार्यों का निविदा जारी होने के बावजूद कोई भी ठेकेदार इसमें रूचि नहीं ले रहा है। इसके लिए निगम बार बार निविदा भी निकाल रहा है। लेकिन छह योजनाओं में पेच में फंस गया है। इस छह में से 3 के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे, तो 3 का टेंडर होने के बाद भी उसे अभी तक फाइनल नहीं किया गया है। जिन तीन टेंडर के लिए ठेकेदार नहीं मिले हैं, उन योजनाओं के लिए निगम दूसरी बार भी टेंडर निकाल चुका है। टेंडरों के पेच में फंसने के कारण योजना के समय पर पूरा होने की उम्मीद कम है।
निगम की जिन योजनाओं का टेंडर हो चुका है, उसमें आवारा कुत्तों का बंध्याकरण, वार्डों में वायु प्रदूषण मापक यंत्र लगाने के साथ निगम के भवनों में लगने वाले रेन वाटर हार्वेस्टिंग का टेंडर है। एक माह के दौरान इन सभी योजनाओं का टेंडर किया गया है, लेकिन इनमें से एक भी टेंडर अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है। कोई तकनीकी गड़बड़ी में फंसा है, तो किसी का सीएस (कम्परेटिव शिड्यूल) फाइनल नहीं किया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिन योजनाओं के टेंडर में किसी ने भाग नहीं लिया है उन योजनाओं के लिए दूसरी बार टेंडर निकाला गया है। 19 जनवरी को इन योजनाओं का टेंडर खोला जाएगा। सीएस की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी हो जाएगी और उसके बाद कार्य आवंटित कर दिया जाएगा।-सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त।
इन योजनाओं के लिए नहीं मिल रहे ठेकेदार
निगम की तीन योजनाएं जहां तकनीकी पेच में फंसी हैं, वहीं तीन योजनाओं के लिए निगम को ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं। तीनों योजना का एक बार निगम टेंडर निकाल चुका है। तीन में दो योजना एयर क्लीन प्रोग्राम से जुड़ी है, जबकि एक योजना बायो मेडिकल वेस्ट से जुड़ी है। तीनों योजना का टेंडर निकालने के बाद किसी भी ठेकेदार ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। अब फिर से इन योजनाओं का टेंडर निकाला गया है। एक योजना शहर में निकलने वाले बिल्डिंग मेटेरियल के निष्पादन से जुड़ी है, जबकि दूसरी योजना फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की है। मेडिकल वेस्ट प्लांट को लेकर दो साल पहले भी टेंडर निकाला गया था, लेकिन उस बार भी यह टेंडर फाइनल नहीं हो पाया था। स्थानीय ठेकेदारों को इन योजनाओं का अनुभव नहीं है। इसी लिए वे इसमें भाग नहीं लेते।
वे टेंडर जो तकनीकी कारण से पेच में फंसे
योजना राशि कारण
कुत्तों का बंध्याकरण प्रति कुत्ता दर विभाग से मार्गदर्शन
वायु प्रदूषण मापक यंत्र 10 करोड़ सीएस फाइनल नहीं
पौधरोपण अभियान 8 करोड़ सीएस फाइनल नहीं
फिर से निकाला गया है टेंडर
इन योजनाओं को नहीं मिले ठेकेदार
योजना राशि कारण
सी एंड डी प्लांट 7 करोड़ किसी ने नहीं लिया भाग
एफएसटीपी 5 करोड़ किसी ने नहीं लिया हिस्सा
बायो मेडिकल प्लांट 5 करोड़ किसी ने नहीं डाला टेंडर