Weekly News Roundup Dhanbad: पहले टायर, अब सर्विसिंग... मिट्टी में मिल रही नगर निगम की इज्जत
अजब-गजब खेल चल रहा है। जिसे जो मिल रहा जहां मिल रहा वहीं गोटियां सेट करने में लगा है। भाई लोग कचरे को भी नहीं छोड़ रहे हैं। यहां भी कमाई का जरिया ढूंढ लिया है। घर-घर से कचरा उठाने के लिए एजेंसी लगी है।
धनबाद [ आशीष सिंह ]। नगर निगम को चर्चा में बने रहने की आदत सी हो गई है। क्यों? चलिए बताते हैं। 2017 में पूर्व मेयर की स्कॉर्पियो के चारों चक्के खोल लिए गए थे। टायर का बिल भुगतान नहीं होने पर कंपनी ने ऐसा किया था। रोकने का तर्क दिया कि लिखित तौर पर टायर की स्वीकृति नहीं ली गई। एक बार फिर उसी तरह का जिन्न निकल आया है। नगर निगम में कंपनी की नौ गाडिय़ां हैं। छह टीयूवी, दो स्कॉर्पियो और एक बोलेरो। हाल ही में इन गाडिय़ों की सर्विङ्क्षसग का बिल निगम में पहुंचा- साढ़े छह लाख रुपये। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने पड़ताल की तो माजरा समझ में आया। पूर्व नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप के समय ही मौखिक तौर पर सर्विङ्क्षसग की अनुमति दी गई थी। साहब ने नियमों का हवाला देते हुए बिल पर रोक लगा दी। चर्चा है, अब कंपनी क्या खोलकर ले जाएगी?
कचरे को भी नहीं छोड़ा
अजब-गजब खेल चल रहा है। जिसे जो मिल रहा, जहां मिल रहा, वहीं गोटियां सेट करने में लगा है। भाई लोग कचरे को भी नहीं छोड़ रहे हैं। यहां भी कमाई का जरिया ढूंढ लिया है। घर-घर से कचरा उठाने के लिए एजेंसी लगी है। हाल ही में बरटांड़ बस स्टैंड को नगर निगम ने खाली करा दिया। यहां एजेंसी कचरा एक करती थी। कचरा उठाकर अन्यत्र भेज दिया गया। इसके बाद बची हुए मिट्टी युक्त कचरे को समतल करने का निर्देश मिला। एजेंसी ने यहां भी खेल कर दिया। समतल करने की जगह इस कचरे का बिल दे दिया। दो हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से 27 टन कचरे का बिल देख निगम के होश फाख्ता। बिल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। चेतावनी भी दी भविष्य में ऐसी गलती दोबारा हुई तो एकरारनामा रद। चारों ओर फजीहत हुई सो अलग।