Move to Jagran APP

जांच के बाद नगर निगम ने तीनों जन्म प्रमाणपत्र को बताया फर्जी, आवेदकों पर होगी एफआइआर

दरअसल जिले के पब्लिक स्कूलों में बीपीएल कोटे में होने वाले दाखिले के क्रम में जिले में तीन दर्जन से भी अधिक आवेदन ऐसे पाए गए जिनके जन्म प्रमाणपत्र संदिग्ध थे। बड़ी संख्या में पाए गए संदिग्ध जन्म प्रमाण पत्रों के मिलने से विभाग के होश उड़ गए।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 04:02 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 04:02 PM (IST)
जांच के बाद नगर निगम ने तीनों जन्म प्रमाणपत्र को बताया फर्जी, आवेदकों पर होगी एफआइआर
स्कूल प्रबंधन अपने स्तर से थाने में आवेदक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएगा।

जागरण संवाददाता, धनबाद: जन्म प्रमाणपत्र नगर निगम ने बनाया है, या फिर प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वालों ने कोई फर्जीवाड़ा किया हैए इस बात का खुलासा नगर निगम की जांच के बाद हो गया है। जन्म प्रमाण पत्रों की जांच के बाद नगर निगम ने जिला शिक्षा अधीक्षक को बताया है कि प्रमाण पत्र फर्जी हैं। अब जब प्रमाण पत्र फर्जी निकल गए हैं तो जिला शिक्षा अधीक्षक ने इंद्र भूषण सिंह ने संबंधित स्कूल को प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है।

loksabha election banner

अब स्कूल प्रबंधन अपने स्तर से थाने में आवेदक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएगा। जिला शिक्षा अधीक्षक ने नगर निगम से जन्म प्रमाण पत्रों के सत्यता की जांच कर पूरी जानकारी मांगी थी। दरअसल जिले के पब्लिक स्कूलों में बीपीएल कोटे में होने वाले दाखिले के क्रम में जिले में तीन दर्जन से भी अधिक आवेदन ऐसे पाए गए, जिनके जन्म प्रमाणपत्र संदिग्ध थे। बड़ी संख्या में पाए गए संदिग्ध जन्म प्रमाण पत्रों के मिलने से विभाग के होश उड़ गए। मामला उपायुक्त के संज्ञान में आया और उसकी जांच का जिम्मा एडीएम विधि व्यवस्था को सौंपी गई। इस बीच लॉटरी की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया। उपायुक्त के आदेश के बाद जब लॉटरी की प्रक्रिया शुरू किया तो फिर 10 जन्म प्रमाण पत्र संदिग्ध मिल गए। इनमें से तीन प्रमाण पत्र नगर निगम क्षेत्र का थे। अब यह जन्म प्रमाण पत्र सही हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सह निबंधक को पत्र लिखकर तीन आवेदकों के जन्म प्रमाणपत्र का ब्यौरा सौंपा था।

डीएसई इंद्र भूषण सिंह ने नगर निगम से कहा था कि अभिलेखों का मिलान कर यह बताया जाए कि इन तीनों छात्रों का जन्म प्रमाण पत्र आपके यहां से निर्गत किया गया है या नहीं। इसके बाद नगर निगम ने जांच कर प्रमाणपत्रों को फर्जी बता दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.