Dr. Keshav Baliram Hedgewar ने रखी थी आरएसएस की नींव, आज उनकी मनाई जा रही जयंती
डॉ. हेडगेवार की आज जयंती मनाई जा रही है। भाजपा के नेता हिंदू धर्म को संगठित करने और मानसिक रूप से सबल बनाने के उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें याद कर रहे हैं। विधायक राज सिन्हा ने भी ट्वीट कर आरएसएस के संस्थापक को याद किया है।
धनबाद, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक और प्रथम सर संघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की आज ( 1 अप्रैल) को जयंती है। उनका जन्म 1 अप्रैल, 1889 को नागपुर के एक गरीब ब्राह्मण परिवार के बलिराम पंत हेडगेवार के घर जन्मम हुआ था। इनकी माता का नाम रेवतीबाई था। डॉ. हेडगेवार की आज जयंती मनाई जा रही है। आरएसएस और भाजपा के नेता हिंदू धर्म को संगठित करने और मानसिक रूप से सबल बनाने के उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें याद कर रहे हैं। धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा ने भी ट्वीट कर आरएसएस के संस्थापक को याद किया है। उन्हें कोटि-कोटि नमन किया है। झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट कर आरएसएस के संस्थापक को नमन-वंदन किया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार जी के जयंती पर उन्हें मेरा कोटि कोटि नमन। pic.twitter.com/speujm1nwo
— Raj Sinha (@rajsinhabjp) April 1, 2021
विजयादशमी के दिन की आरएसएस की स्थापना
डॉ. हेडगेवार के पिता बलिराम वेद-शास्त्र के विद्वान थे एवं वैदिक कर्मकांड (पंडिताई) से परिवार को भरण-पोषण करते थे। केशव के दो बड़े भाई थे-महादेव और सीताराम। हिंदू राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए 1925 में विजयादशमी के दिन डॉ. हेडगेवार ने आरएसएस की नींव रखी। वह आरएसएस के पहले सरसंघचालक बने। उन्होंने आरएसएस को राजनीति से दूर रखते हुए हिंदू धर्म को संगठित और संस्कारित करने का काम शुरू किया। सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों को अपना केंद्र बनाया। आज आरएसएस वटवृक्ष बन चुका है। देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार जी के जन्मदिवस पर उन्हें मेरा नमन।
उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश, और समाज के लिये समर्पित किया। अपनी दूरदर्शिता, व नेतृत्व से राष्ट्र को सर्वस्व समर्पित करने वाले असंख्य स्वयंसेवकों का निर्माण किया। @RSSorg pic.twitter.com/oNeAfjt3Gs— Amresh k Singh....(स्वयमेव मृगेन्द्रता) (@amreshkSingh2) April 1, 2021
वंदेमातरम गाने पर स्कूल से हुआ था निष्कासन
डॉ. हेडगेवार की शुरूआती पढ़ाई नागपुर के नीट सिटी स्कूल में हुई। स्कूल में वंदेमातरम गाना गाने के कारण उन्हें निकाल दिया गया। इसके बाद घरवालों ने पढ़ाई के लिए यवतमाल और पुणे भेजा। मैट्रिक के बाद हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीएस मूंजे ने उन्हें मेडिकल की पढ़ाई के लिए कोलकाता भेजा। कोलकाता में डॉक्टरी की पढ़ाई के दाैरान ही वह देश की नामी क्रांतिकारी संस्था अनुशीलन समिति से जुड़ गए। 1915 में नागपुर लाैटने पर वह कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हो गए। विदर्भ प्रांतीय कांग्रेस के सचिव भी बने।
मातृभूमि की निःस्वार्थ-समर्पित राष्ट्र सेवा के प्रतीक, विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' जैसे वटवृक्ष की नींव रखने वाले परम पूज्यनीय डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि वंदन।@RSSorg #keshavbaliramhedgevar pic.twitter.com/qxa7kn16kd— Babulal Marandi (@yourBabulal) April 1, 2021
खिलाफत आंदोलन के बाद कांग्रेस से हुआ मोहभंग
1920 में नागपुर में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ। उन्होंने कांग्रेस में पहली बार पूर्ण स्वतंत्रता को लक्ष्य बनाने का प्रस्ताव पेश किया। यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। 1921 में कांग्रेस के असहयोग आंदोलनों में वे भी जेल गए। इसके बाद भारत में शुरू हुए धार्मिक-राजनीतिक खिलाफत आंदोलन के चलते हेडगेवार का मन कांग्रेस से छिन्न हो गया। 1923 में सांप्रदायिक दंगों के बाद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ हिंदुत्व की राह चली। आरएसएस की स्थापना की। डॉ. हेडगेवार का निधन 21 जून, 1940 हो हुआ।