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Bodyguard Controversy: सरकार की हुई किरकिरी तो धनबाद डीसी ने दी सफाई, एसएसपी कार्यालय से मुहैया कराए गए बॉडीगार्ड

उपायुक्त ने कहा कि बाघमारा क्षेत्र के चार लोगों को उपायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली जिला सुरक्षा समिति द्वारा बॉडीगार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है बल्कि उन्हें अस्थाई प्रक्रिया के तहत विशेष परिस्थिति में एसएसपी कार्यालय द्वारा बॉडीगार्ड प्रदान किए गए हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 11:56 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 11:56 AM (IST)
Bodyguard Controversy: सरकार की हुई किरकिरी तो धनबाद डीसी ने दी सफाई, एसएसपी कार्यालय से मुहैया कराए गए बॉडीगार्ड
धनबाद जिला सुरक्षा समिति के अध्यक्ष उपायुक्त उमाशंकर सिंह ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। झामुमो गठबंधन की सरकार में भाजपा के बाहुबली विधायक ढुलू पर मेहरबानी से शासन-प्रशासन की किरकिरी हो रही है। गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस ने ही सवाल उठाया था। झारखंड के पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो और धनबाद जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने सरकार पर वैसे लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था जो भाजपा विधायक ढुलू के कोयले के धंधे का काम करते हैं। पूछा था-किसके कहने पर ढुलू के आदमियों को सरकारी अंगरक्षक मुहैया कराए गए। इस मामले में धनबाद के उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि बॉडीगार्ड मुहैया कराने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

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जिला सुरक्षा समिति का निर्णय नहीं

उपायुक्त की ओर से रविवार को जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि जिले के चार लोगों को उपायुक्त की सिफारिश पर बॉडीगार्ड मुहैया कराने संबंधी समाचार गलत है। उन्होंने कहा है- बाघमारा क्षेत्र के चार लोगों को उपायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली जिला सुरक्षा समिति द्वारा बॉडीगार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है बल्कि उन्हें अस्थाई प्रक्रिया के तहत विशेष परिस्थिति में एसएसपी कार्यालय द्वारा बॉडीगार्ड प्रदान किए गए हैं।

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बॉडीगार्ड मुहैया कराने की प्रक्रिया

सरकारी अंगरक्षक मुहैया कराने के लिए प्रक्रिया निर्धारित है। विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के आधार पर उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला सुरक्षा समिति की बैठक होती है। इसमें बॉडीगार्ड मुहैया कराने का निर्णय लिया जाता है। एक प्रक्रिया यह है कि किसी को खतरा होने पर एसपी कार्यालय से अस्थायी ताैर पर बॉडीगार्ड दे दिए जाते हैं। बाद में यह प्रस्ताव सुरक्षा समिति की बैठ में पास करा लिया जाता है। 


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