मरीज को भर्ती नहीं लिए जाने के मामले पर मांगा स्पष्टीकरण, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई संभव Dhanbad News
कोरोना संक्रमित मरीज को डायलिसिस उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करने से इंकार करने के मामले पर उपायुक्त ने संज्ञान लिया है। अस्पताल के निदेशक को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमित मरीज को डायलिसिस उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करने से इंकार करने के मामले पर उपायुक्त ने संज्ञान लिया है। डीसी उमाशंकर सिंह ने एशियन द्वारकादास जालान सुपर स्पेशलटी अस्पताल के निदेशक से स्वयं उपस्थित होकर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में उपायुक्त ने कहा कि 20 जुलाई को अशर्फी हॉस्पिटल लिमिटेड, एशियन द्वारकादास जालान सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल तथा प्रगति मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 65 के तहत कोरोना संक्रमित मरीजों के डायलिसिस उपचार करने के लिए दो-दो बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया है। जालान हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज का डायलिसिस उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करने से इंकार किया था।
यह कृत्य आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में निहित दंड एवं उल्लंघन की धारा 51 तथा धारा 58 के कानूनी दायरे में आती है। उन्होंने कहा कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में संस्थान द्वारा यह कार्य उदासीनता एवं अकर्मण्यता का परिचायक है। इसलिए 24 घंटे के अंदर जालान अस्पताल के निदेशक से स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण समर्पित करने का निर्देश दिया है कि क्यों नहीं उनके विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 एवं 58 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए।