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डान बृजेश सिंह के रिश्तेदार प्रमोद सिंह हत्याकांड में चार को धनबाद कोर्ट सुनाएगा फैसला, कइयों की धड़कनें तेज

कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या तीन अक्टूबर 2003 को धनसार स्थित बीएम अग्रवाला कालोनी में गोली मारकर कर दी गई थी। प्रमोद सिंह के कथित बयान पर धनसार थाने में प्राथकिमी दर्ज हुई थी। बाद में अनुसंधान का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा गया था।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 07:56 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 08:14 AM (IST)
डान बृजेश सिंह के रिश्तेदार प्रमोद सिंह हत्याकांड में चार को धनबाद कोर्ट सुनाएगा फैसला, कइयों की धड़कनें तेज
धनबाद कोर्ट 4 को करेगा फैसला ( प्रतीकात्मक फोटो)।

विसं, धनबाद। यूपी के डान बृजेश सिंह के रिश्तेदार और धनबाद के कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या में अदालत चार फरवरी को फैसला सुनाएगी। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मामले में निर्णय के लिए चार फरवरी की तारीख निर्धारित कर दी है। अदालत ने कांड के आरोपित रणविजय सिंह, संतोष सिंह, अयूब खान, दारोगा एमपी खरवार, अरशद अली और हीरा खान को सदेह हाजिर होने का आदेश दिया है।

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3 अक्टूबर 2003 को हुई थी हत्या

कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या तीन अक्टूबर 2003 को धनसार स्थित बीएम अग्रवाला कालोनी में गोली मारकर कर दी गई थी। प्रमोद सिंह के कथित बयान पर धनसार थाने में प्राथकिमी दर्ज हुई थी। इस हत्याकांड के बाद अंडरवर्ल्ड में सनसनी फैल गई थी। प्राथमिकी में जनता मजदूर संघ के नेता रामधीर सिंह और राजीव रंजन को अभियुक्त बनाया गया था। बाद में अनुसंधान का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा गया था। सीबीआइ की जांच में पुलिस की कहानी धवस्त हो गई थी। सीबीआइ ने सुरेश सिंह, रणविजय सिंह समेत अन्य के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था। सुनवाई के दौरान सुरेश सिंह और कश्मीरा खान की मौत हो चुकी है।

फैसले पर अंडरवर्ल्ड की नजर

प्रमोद सिंह हत्याकांड में चार फरवरी को सीबीआइ कोर्ट को फैसला आएगा। इस फैसले पर अंडरवर्ल्ड की भी नजर है। प्रमोद सिंह के बारे में बताया जाता है कि वह यूपी के डान बृजेश सिंह के रिश्तेदार थे। उनकी हत्या के बाद बदले में झरिया के दिवंगत विधायक सूरजदेव सिंह के बेटे राजीव रंजन की हावड़ा में गोली मार हत्या कर दी गई। प्रमोद सिंह हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त सुरेश सिंह अब जिंदा नहीं है। उनकी हत्या की जा चुकी है। उनके दो सहयोगी कांग्रेस नेता संतोष सिंह और रणविजय सिंह मुकदमे का सामना कर रहे हैं। कोर्ट के फैसले से दोनों का राजनीतिक भविष्य प्रभावित होगा। 


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