Move to Jagran APP

Dhanbad Congress: बंद पड़े कांग्रेस जिला कार्यालय को लेकर बवाल, जिला अध्यक्ष अपने ही मंत्री पर लगा रहे आरोप

धनबाद में लगभग 10 वर्षो से बंद पड़े कांग्रेस के जिला कार्यालय को लेकर अब कांग्रेसी बगावत के मूड में आ गए हैं। सरकार की घोषणा और आश्वासन के बावजूद अभी तक बंद पड़े कांग्रेस कार्यालय का ताला नहीं खुला है। एहाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

By Atul SinghEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 05:37 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 05:37 PM (IST)
Dhanbad Congress: बंद पड़े कांग्रेस जिला कार्यालय को लेकर बवाल, जिला अध्यक्ष अपने ही मंत्री पर लगा रहे आरोप
कांग्रेस के जिला कार्यालय को लेकर अब कांग्रेसी बगावत के मूड में आ गए हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद में लगभग 10 वर्षो से बंद पड़े कांग्रेस के जिला कार्यालय को लेकर अब कांग्रेसी बगावत के मूड में आ गए हैं। सरकार की घोषणा और आश्वासन के बावजूद अभी तक बंद पड़े कांग्रेस कार्यालय का ताला नहीं खुला है। इसको लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता अब एक बार फिर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। तो दूसरी और पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम को भी जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि अपनी ही सरकार और अपने ही मंत्री पर कांग्रेस के सदस्य काफी नाराज हैं। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बृजेंद्र प्रसाद सिंह ने मंत्री आलमगीर आलम को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा तमाम वादे के बावजूद अभी तक कार्यालय नहीं खुला है। मंत्री अब इस पर ध्यान भी नहीं दे रहे हैं, धनबाद भी नहीं आ रहे हैं। ज्ञात हो कि 14 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आगमन के दौरान धैर्य खो चुके कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सील जिला कार्यालय का दरवाजा तोड़ दिया था। मंत्री ने जल्द कार्यालय खोलने का आश्वासन दिया था। लेकिन मंत्री की घोषणा हवा हवाई हो गई।

loksabha election banner

चिंतन शिविर से लेकर मंत्री तक लगा चुके हैं गुहार

जिला अध्यक्ष में कहा है कार्यालय नहीं खुलने की वजह से कांग्रेसी कार्यकर्ता बेहद नाराज हैं। इसे लेकर हर दिन वह मुझसे मिल रहे हैं। अब हम लोग एक बार फिर से हाई कोर्ट जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई जगहों पर कांग्रेसी कार्यकर्ता कार्यालय खोलने को लेकर गुहार लगा चुके हैं। मंत्री आलमगीर आलम तो धनबाद आते ही नहीं है, आने पर लोग जिला कार्यालय के बारे में पूछने लगते हैं। कांग्रेस के पारसनाथ में आयोजित चिंतन शिविर में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया। लेकिन यहां पर भी पार्टी के अधिकारियों में अब तक कोई पहल नहीं की है।

तत्कालीन कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी नहीं हुए सक्रिय

जिलाध्यक्ष सिंह ने कहा कि वर्ष 2011 में जब कांग्रेस कार्यालय पर ताला जड़ा जा रहा था। तब तत्कालीन कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी भी सक्रिय नहीं हुए थे। ब्रजेंद्र सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट ने जिला परिषद की जमीन पर जहां-जहां अतिक्रमण है, उसे हटाने का निर्देश दिया था, जबकि कांग्रेस कार्यालय की जमीन पहले ही बिहार सरकार के समय हम लोगों को लीज पर मिली थी। वर्ष 2011 में जब अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू हुआ तो धनबाद जिला के प्रशासनिक पदाधिकारियों ने डॉक्यूमेंट को ठीक से पढ़ा भी नहीं। जबरन कांग्रेस कार्यालय भवन के सामने ताला जड़ दिया गया। इस बात को कांग्रेसी नेता भी जिला प्रशासन के समक्ष नहीं रख पाए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.