हार्डकोक इंडस्ट्रीज की हालत खराब, कोल व्यपारियों को कोयला नहीं दे पा रहा बीसीएल प्रबंधन
हार्डकोक इंडस्ट्रीज की हालत बहुत खराब है। बीसीसीएल कोयला नहीं दे रहा है। लिंकेज से मिलने वाला कोयला कब का बंद हो चुका है। अच्छी क्वालिटी का कोल वह पर्याप्त कोयला नहीं देगा सुपौल में बारिश विदेशों से कोयला मंगाने पर मजबूर हो जाएंगे।
जागरण संवाददाता, धनबाद: हार्डकोक इंडस्ट्रीज की हालत बहुत खराब है। बीसीसीएल कोयला नहीं दे रहा है। लिंकेज से मिलने वाला कोयला कब का बंद हो चुका है। ऐसे में इंडस्ट्रीज बंद करने की नौबत आ गई है। अच्छी क्वालिटी का कोला वह पर्याप्त कोयला नहीं देगा। सुपौल में बारिश विदेशों से कोयला मंगाने पर मजबूर हो जाएंगे। इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स की वार्षिक सम्मेलन अध्यक्ष बीएन सिंह ने कहीं। उन्होंने आगे कहा कोरोना काल में हार्डकोक वव्यापारियों की पूरी तरह से कमर तोड़ दी है। ऊपर से अब बीसीसीएल भी कोयला नहीं दे रहे हैं। बोल लेने को लेकर हाडको की लिस्ट प्रधानमंत्री तक अपनी फरियाद रख चुके हैं बावजूद इसके कोई सुनने को तैयार नहीं है।
साइंटिफिक तरीके से होनी चाहिए ओपन कास्टिंग: इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिन्हा उर्फ पलटन बाबू ने कहा के ओपन कास्टिंग साइंटिफिक तरीके से होना चाहिए एसईसीएल कोई अभी नहीं पता इस तरह से और किन-किन लोगों को ओपन कास्टिंग करने दे ताकि हार्ड कोक इंडस्ट्रीज को उच्च क्वालिटी का कोयला मिले। अच्छे कोयले के लिए सरफेस मैन की जरूरत होती है। ऐसा हो रहा है मगर बीसीसीएल ओपन गैलरी पत्थर युक्त कोयला प्रदान कर रही है। बंदूक के जोर पर बाहुबलियों को आउटसोर्सिंग का ठेका मिलता है।
266000 टन प्रत्येक माह की जरूरत: अध्यक्ष बीएन सिंह ने बताया कि एक हार्डकोक इंडस्ट्रीज को प्रत्येक माह 266000 टन कोयले की जरूरत है मगर एक इंडस्ट्री को 30 से 40,000 टन ही कोयला मिल रहा है। यह कोयला भी हार्डकोक व्यापारी बीसीसीएल से नहीं ले रहे हैं इसके लिए उन्हें डब्ल्यूसीएल, एनसीएल व विदेशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।