राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर जवान ज्योति समाहित विवाद कितना सही कितना गलत, पढ़ें-धनबाद में माैजूद वीरों की राय
National War Memorial कर्नल जेके सिंह कहते हैं कि अमर जवान ज्योति ऐसे ही चलती रहेगी। इसके प्रति देश का हर सैनिक सच्ची आस्था और श्रद्धा रखता है। इंडिया गेट से राष्ट्रीय वार मेमोरियल की दूरी बहुत अधिक नहीं है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। देश की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय वार मेमोरियल स्मारक में समाहित किया गया है। इसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) ने विरोध किया है। उन्होंने बांग्लादेश की आजादी में शामिल भारतीय सैनिकों की शहादत को अपमान बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi) पर हमला किया है। इसके बाद कांग्रेसी भी देशभर में विरोध कर रहे हैं। इससे इतर राय सेना में सेवा देने वाले धनबाद के वर्तमान और पूर्व सैनिक अधिकारी राय रखते हैं। सेना के पूर्व अधिकारियों, जवानों और मौजूदा सैनिकों में भी हर्ष का माहौल है। सभी का कहना है कि राष्ट्रीय बार मेमोरियल स्मारक सही मायने में अमर जवान ज्योति की जगह है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक होना चाहिए सम्मान
सेना के पूर्व सूबेदार मनोज चौधरी का कहना है कि पाकिस्तान पर 1971 के युद्ध की जीत व बांग्लादेश की आजादी के बाद तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने शहीदों की याद में 1972 के गणतंत्र दिवस पर इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति प्रज्वलित की। आज भी यह ज्योति जल रही है। अब राष्ट्रीय वार मेमोरियल में यह और अधिक शान से जलेगी। अमर ज्योति के प्रति हम सभी सैनिकों की अगाध आस्था है। बिशनपुर निवासी लेफ्टिनेंट अमित कुमार का कहना है कि अमर जवान ज्योति हमारे लिए गर्व से सीना चौड़ा कर देती है। इसके सामने खड़े होना और नमन करना हर सैनिक के लिए सम्मान की बात है। यह इंडिया गेट से बहुत अधिक दूर नहीं, बल्कि सिर्फ 100 मीटर दूर राष्ट्रीय वार मेमोरियल में जल रही है। इसका सभी को सम्मान करना चाहिए।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक अब सैनिकों की आस्था का केंद्र
कर्नल जेके सिंह कहते हैं कि अमर जवान ज्योति ऐसे ही चलती रहेगी। इसके प्रति देश का हर सैनिक सच्ची आस्था और श्रद्धा रखता है। इंडिया गेट से राष्ट्रीय वार मेमोरियल की दूरी बहुत अधिक नहीं है। अखंड ज्योति हमें देश की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान देने वाले उन जवानों की हमेशा याद दिलाता रहा है और रहेगा।
कहीं भी ज्योति जलनी चाहिए
डॉ अमर कुमार कहते हैं कि अमर जवान ज्योति हमें उन सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है जो 1971 की युद्ध में शहीद हुए। इसके बाद भी भारत ने जितनी जंग लड़ी हर जवान का बलिदान इस ज्योति का प्रतीक है। यह जलती रहनी चाहिए फिर चाहे इंडिया गेट हो या राष्ट्रीय वार मेमोरियल।
25 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री ने किया था उद्घाटन
राराष्ट्रीय युद्ध स्मारक एक भारतीय राष्ट्रीय स्मारक है, जो दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थित है। यह भारतीय सेना के उन सैनिकों को समर्पित है जो स्वतंत्र भारत के सशस्त्र संघर्षों में शहीद हुए है। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री – नरेंद्र मोदी द्वारा 25, फरवरी, 2019 को किया गया था। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की दीवारों पर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित है। जिन्होंने 1947-48, 1962 (भारत-चीन युद्ध), 1965, 1971 (भारत-पाकिस्तान युद्ध), 1999 (कारगिल युद्ध) आदि के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह स्मारक 40 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और भारत सरकार द्वारा अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट के पास बनवाया गया है।