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Dhanbad-Alappuzha Express: अलेप्पी एक्सप्रेस पर फंसा पेच, सुपरफास्ट बनाकर 22 कोच के साथ चलाने की योजना

धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस (Dhanbad-Alappuzha Express) में सफर के लिए यात्रियों को अभी और इंजार करना होगा। इस ट्रेन को सुपरफास्ट बनाने और 22 कोच के साथ चलाने की योजना है। धनबाद से चलने वाली अलेप्पी एक्सप्रेस 12 यात्री कोच के साथ ही चलती थी।

By Sagar SinghEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 02:36 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 02:36 PM (IST)
Dhanbad-Alappuzha Express: अलेप्पी एक्सप्रेस पर फंसा पेच, सुपरफास्ट बनाकर 22 कोच के साथ चलाने की योजना
कम यात्री और आमदनी वाले स्टेशन से धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस का ठहराव वापस लिया जाएगा।

धनबाद, [तापस बनर्जी]। धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस (Dhanbad-Alappuzha Express) में सफर के लिए यात्रियों को अभी और इंजार करना होगा। इस ट्रेन को सुपरफास्ट बनाने और 22 कोच के साथ चलाने की योजना है। धनबाद से चलने वाली अलेप्पी एक्सप्रेस 12 यात्री कोच के साथ ही चलती थी। शेष हिस्सा टाटानगर से खुलकर राउरकेला में जुड़ता था। अब टाटानगर से एर्नाकूलम और धनबाद से अलेप्पी एक्सप्रेस को फुल रैक यानी 22 कोच के साथ चलाने की मंजूरी मिल गई है। पर जब तक धनबाद को पूरे 22 कोच के रैक नहीं मिल जाते तब तक ट्रेन नहीं चल सकेगी। रेलवे के विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस ट्रेन को अब नये टाइम टेबल में शामिल किया गया है।

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छह फुल रैक मिलने पर ही चल सकेगी अलेप्पी एक्सप्रेस : धनबाद से अलेप्पी का सफर तीन दिनों का है। इसके लिए छह रैक की आवश्यकता है। धनबाद के पास छह रैक तो हैं पर सभी 12 यात्री कोच वाले हैं। 22 कोच वाले रैक मिलने के बाद ही इस ट्रेन को पटरी पर लाया जा सकता है।

सुपरफास्ट बनते ही ठहराव में भी संशोधन संभव : अलेप्पी एक्सप्रेस अपना सफर तकरीबन 58 घंटे में पूरा करती है। धनबाद से अलेप्पी के बीच इस ट्रेन के 93 ठहराव हैं। सुपरफास्ट बननके के बाद ठहराव में भी बदलाव होगा। कम यात्री और आमदनी वाले स्टेशन से इस ट्रेन का ठहराव वापस ले लिया जाएगा। 

22 मार्च से थमे हैं झारखंड की इस महत्वपूर्ण ट्रेन के पहिए : धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस सिर्फ धनबाद ही नहीं बल्कि झारखंड की महत्वपूर्ण ट्रेनों में से एक है। इस ट्रेन से धनबाद, बोकारो, रांची समेत दूसरे जिलों से न सिर्फ दक्षिण भारत जानेवाले यात्री बल्कि  काफी संख्या में मरीज भी सफर करते हैं। चेन्नई और वेल्लोर में इलाज के लिए प्रतिदिन चलने वाली यही एकलौती ट्रेन है। बावजूद 22 मार्च से ही इसके पहिए थमे हैं। सक्षम मरीज हवाईजहाज या दूसरे विकल्प से चेन्नई और वेल्लोर तक पहुंच रहे हैं। पर आम यात्रियों को आठ महीनेसे इस ट्रेन के खुलने का इंतजार है।

नौ जोड़ी ट्रेनों को मंजूरी पर इसमें अलेप्पी एक्सप्रेस शामिल नहीं : त्योहारी सीजन में पूर्व मध्य रेल ने जिन नौ जोड़ी ट्रेनों को चलाने की मंजूरी दी है, उनमें अलेप्पी एक्सप्रेस  शामिल नहीं है। इस वजह से दिवाली और छठ से पहले इस ट्रेन के चलने की संभावना कम ही है।

धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस को फुल रैक के साथ चलाने की अनुमति मिल गई है। रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद ही ट्रेन चलेगी। इस ट्रेन को फुल रैक के साथ ही चलाया जाएगा। -राजेश कुमार, सीपीआरओ पूर्व मध्य रेल


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