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Judge Uttam Anand Murder Case: जज की हत्या से हिल गई देश की न्यायिक व्यवस्था, CJI से लेकर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक एक्शन में

जज उत्तम आनंद की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। वरीय अधिवक्ता विकास सिंह ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले से अवगत हैं। हाई कोर्ट मामले को देख रहा है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 11:35 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 10:53 PM (IST)
Judge Uttam Anand Murder Case: जज की हत्या से हिल गई देश की न्यायिक व्यवस्था, CJI से लेकर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक एक्शन में
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद ( फाइल फोटो)।

धनबाद/ रांची, जेएनएन। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत का मामला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया। वरीय अधिवक्ता विकास सिंह ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि वे इस मामले से अवगत हैं। हाई कोर्ट इस मामले को देख रहा है। वह ही इस इसपर कोई निर्णय ले। इसके पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश ने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से फोन पर इस मामले पर जानकारी हासिल की।

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हाई कोर्ट ने दिया एसआइटी से जांच का आदेश

धनबाद के जज उत्तम आनंद के मौत मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए एडीजी संजय लटकर के नेतृत्व में एसआईटी जांच का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो गई है, कुछ दिनों पहले पुलिसकर्मी रूपा तिर्की बाद में वकील और अब जज पर हमला किया गया। अदालत ने कहा कि कोर्ट इस मामले की निगरानी करेगी और एसआईटी को समय-समय पर अपनी जांच रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी होगी। अगर किसी भी समय अदालत को ऐसा प्रतीत हुआ कि जांच सही दिशा में नहीं है तो इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी। इस दौरान डीजीपी नीरज सिन्हा ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वह प्रोफेशनल तरीके से मामले की जांच करेंगे और उन्होंने एसआईटी के नेतृत्व करने के लिए संजय लौटकर का नाम सुझाया। जिसके बाद कोर्ट ने उस पर अपनी सहमति प्रदान कर दी अदालत इस बात से लेकर काफी नाराज था कि घटना के बाद एफआईआर दर्ज करने में पुलिस देरी की है। अदालत ने यहां तक कहा कि पहले राज्य नक्सलियों के लिए जाना जाता था लेकिन उस दौरान भी किसी न्यायिक अधिकारी पर हमला नहीं हुआ था लेकिन अब अब जब इनका प्रभाव कम हुआ है तो ऐसी घटनाएं पूरे देश में मुद्दा बन गई।

मारने के लिए चुना गया सुबह का समय

सुबह की सैर पर निकले धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की बुधवार की सुबह पांच बजे हीरापुर बिजली सब स्टेशन के पास हत्या कर दी गई। जज कालोनी के निकट पीछे से आटो ने उन्हें टक्कर मार दी। उनकी पत्नी कृति सिन्हा ने धनबाद थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। रणधीर वर्मा चौक समेत आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो वीडियो में साफ दिखा कि जानबूझ कर उन्हें मारा गया। झारखंड हाई कोर्ट ने इस घटना पर रिपोर्ट तलब की है। उधर धनबाद बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश के सम्मान में पेन डाउन कर दिया। किसी तरह की न्यायिक कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। मेडिकल बोर्ड की देखरेख में जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम कराया। प्रथम दृष्टया सर पर गहरा प्रहार पाया गया। एसएसपी संजीव कुमार ने सिटी एसपी आर राम कुमार के नेतृत्व में हत्याकांड की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है। बोकारो डीआइजी मयूर पटेल भी मौके पर गए। उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश को मारने वाले को पकडऩे के लिए हर मुमकिन कार्रवाई की जा रही है। जल्द सच सामने आ जाएगा।

सीबीआइ जांच की मांग ने पकड़ी जोर

जज उत्तम आनंद परिवार और धनबाद के अधिवक्ताओं ने सीबीआइ जांच की मांग की है। झारखंड न्यायिक सेवा संघ भी सीबीआइ जांच चाहता है।


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