भगवान का नाम लेने से भवसागर से मिलती मुक्ति : प्रेम भूषण महाराज
गोविदपुर गोविदपुर में प्रसिद्ध कथा वाचक प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि चारों युगों में कलियुग
गोविदपुर : गोविदपुर में प्रसिद्ध कथा वाचक प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि चारों युगों में कलियुग सर्वश्रेष्ठ है। इस युग में भगवान का नाम लेने से ही भवसागर से मुक्ति मिलती है। लोगों की यह धारणा गलत है कि समय खराब है या यह खराब युग चल रहा है, जबकि वास्तविकता ऐसी नहीं है। वास्तव में हमें अपना चितन बदलने की आवश्यकता है। हमें अपनी अनुभूति को बदलना होगा। युग और समय तो अच्छा ही रहता है। अच्छे अनुभूति से अच्छे कार्य होते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य का शरीर दुर्लभ है। इसके समान किसी अन्य प्राणी का शरीर नहीं है। मनुष्य शरीर श्रेष्ठतम है और जब तक हमारे शरीर में कोई रोग नहीं आता तब तक हम शरीर का महत्व नहीं समझते। निस्वार्थ प्रेम से प्रगाढ़ता बढ़ती है। स्वार्थ का प्रेम अधिक दिनों तक नहीं टिकता। इसी तरह भगवान की आराधना हमें निस्वार्थ भाव से करनी चाहिए। इससे ज्यादा फल मिलता है। स्वार्थ रखकर भगवान का पूजन करने से स्वार्थ सिद्धि नहीं होती। उन्होंने कहा कि लोग यदि अपने आप में सुधार लाएंगे तो पूरा समाज और पूरा देश सुधर जाएगा। आज के दौर में लोग स्वयं गलत काम करते हैं और दूसरे से सुधारने की उम्मीद रखते हैं। ऐसे में समाज सुधार संभव नहीं है।
मौके पर मुख्य यजमान कमल कुमार अग्रवाल, ईशा अग्रवाल, शंभू नाथ अग्रवाल, आरपी सरिया, रामबाबू अग्रवाल, रामप्रसाद अग्रवाल, विजय अग्रवाल, राजेंद्र बंसल, किशन अग्रवाल, नंद लाल अग्रवाल, रामनिवास रिटोलिया, मोहन बंसल, सुनील सरिया, राजकुमार तायल, राजेश संघी, प्रिया अग्रवाल, संजय सरिया, बजरंग तायल, राजेश जयसवाल, बाबू भगत, अनिल पिलानिया, बलराम अग्रवाल, सुनील अग्रवाल आदि मौजूद थे।